प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनूप सेठी }} <poem> आओ बैठें खाली बिल्कुल दुनिया के ...) |
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आओ | आओ |
22:17, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
आओ
बैठें
खाली बिल्कुल
दुनिया के बीच बाज़ार
ठाले से
दुनिया की चीख पुकार
अपना सन्नाटे का शोर
सब छोड़-छाड़
हों मगन
अगन ठाले की
बैठें
पैठें
कहीं तो होगा
कुछ तो पार
(1986)