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क्या मैं हूँ वह नहीं  
 
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जो याद नहीं अब,
 
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जो है वह किसी और की स्मृति नहीं क्या
 
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जिनसे जानता-पहचानता अपने आपको
 
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मनुष्य ही नहीं पेड़-पंछी
 
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हवा आकाश
 
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मौन धरती
 
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घर खिड़की
 
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एक कविता का निश्वास!
 
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पर ये नहीं किसी और की स्मृति क्या?
 
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जो याद है बस
 
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भूलकर कुछ
 
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'''रचनाकाल: 13.8.2006
13.8.2006
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17:37, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

क्या मैं हूँ वह नहीं
जो याद नहीं अब,
जो है वह किसी और की स्मृति नहीं क्या
जिनसे जानता-पहचानता अपने आपको
मनुष्य ही नहीं पेड़-पंछी
हवा आकाश
मौन धरती
घर खिड़की
एक कविता का निश्वास!

पर ये नहीं किसी और की स्मृति क्या?
जो याद है बस
भूलकर कुछ

रचनाकाल: 13.8.2006