प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रफुल्ल कुमार परवेज़ |संग्रह=संसार की धूप / प्र...) |
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धूर्त कहिए तो बेहतर | धूर्त कहिए तो बेहतर | ||
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आख़िर आप मानते क्यों नहीं | आख़िर आप मानते क्यों नहीं | ||
जीना तो | जीना तो | ||
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22:03, 8 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
देखिए ग़लत मत आँकिये मुझे
वास्तव में मैं चालाक हूँ
लोगों के कहे पर मत जाइये
मेरी चालाकी पर भरोसा रखिए
देखिये यक़ीन मानिये
मैं वाक़ई
बहुत चालाक हूँ
धूर्त कहिए तो बेहतर
आख़िर आप मानते क्यों नहीं
जीना तो
मुझे भी है यहाँ