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"दीमक-समय / आग्नेय" के अवतरणों में अंतर
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मैं दुधारी तलवार के लिए | मैं दुधारी तलवार के लिए |
11:19, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मैं दुधारी तलवार के लिए
खड़ा हूँ
समय के खिलाफ़
पंख वाले चींटे के पास
जितना समय है उतना ही समय है
दीमक-समय जीवन का सब कुछ
चाट जाएगा
गिद्ध-समय शरीर के सारे अंग
भकोस लेगा
दुधारी तलवार के लिए
खड़ा रहेगा मेरा कंकाल
क्यों खड़ा हूँ ? फिर भी
मैं दुधारी तलवार लिए
समय के खिलाफ़।