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"सर झुकओगे तो पत्थर / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा ।  
 
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सब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बू, ज़मीनो-आस्माँ,  
 
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मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा ।
 
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रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर.
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क्या खबर थी मुझसे वो इतना खफा हो जायेगा.
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14:57, 14 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा ।
इतना मत चाहो उसे, वो बेवफ़ा हो जाएगा ।

हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा ।

कितना सच्चाई से, मुझसे ज़िंदगी ने कह दिया,
तू नहीं मेरा तो कोई, दूसरा हो जाएगा ।

मैं ख़ुदा का नाम लेकर, पी रहा हूँ दोस्तो,
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा ।

सब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बू, ज़मीनो-आस्माँ,
मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा ।

रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर.
क्या खबर थी मुझसे वो इतना खफा हो जायेगा.