भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सह पलायन / आरागों" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लुई आरागों }} <poem> '''सब पलायन''' </poem> (मूल फ़्रांसिस...) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=लुई आरागों | |रचनाकार=लुई आरागों | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
− | + | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | एक खुशी फूटती है | ||
+ | वीणा में नपे तीन समय में | ||
+ | एक खुशी फूटती है जंगल में | ||
+ | जिसे मैं कहना जानता नहीं | ||
+ | सिर मोड़ो, हँसी मोड़ो | ||
+ | किसके प्यार के लिए | ||
+ | कैसे प्यार के लिए | ||
− | + | मेरे प्यार के लिए | |
− | + | ||
− | + | ||
+ | '''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी | ||
</poem> | </poem> | ||
− | |||
− | |||
− | |||
− |
16:20, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक खुशी फूटती है
वीणा में नपे तीन समय में
एक खुशी फूटती है जंगल में
जिसे मैं कहना जानता नहीं
सिर मोड़ो, हँसी मोड़ो
किसके प्यार के लिए
कैसे प्यार के लिए
मेरे प्यार के लिए
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी