भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सत्य की नग्नता / एल्युआर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=पॉल एल्युआर
 
|रचनाकार=पॉल एल्युआर
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
 
+
 
<poem>
 
<poem>
 
             "मैं उसे जानता हूँ बहुत खूब"
 
             "मैं उसे जानता हूँ बहुत खूब"
पंक्ति 20: पंक्ति 19:
 
अपनी निराशा से मैं।
 
अपनी निराशा से मैं।
  
 +
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
 
</poem>
 
</poem>
 
 
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
 

12:36, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

            "मैं उसे जानता हूँ बहुत खूब"

निराशा के पंख नहीं होते
न होता है प्यार का चेहरा कोई
न वे बात करते हैं
न मैं हिलता हूँ
न देखता हूँ उन्हें
न बातें ही करता हूँ उनसे

फिर भी
कहीं अधिक जीवित हूँ
अपने प्यार
अपनी निराशा से मैं।

मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी