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"स्पर्श / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
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− | }} कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी | + | }} |
− | लबों पे रखता था | + | <poem> |
− | दोनों आँखों से चूमता था | + | कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी |
− | झुकाके पेशानी यूँ अक़ीदत से छू रहा था | + | लबों पे रखता था |
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− | उन के लम्स महसूस कर रहा हो | + | झुकाके पेशानी यूँ अक़ीदत से छू रहा था |
+ | जो आयतें पढ़ नहीं सका | ||
+ | उन के लम्स महसूस कर रहा हो | ||
− | मैं हैराँ-हैराँ गुज़र गया था | + | मैं हैराँ-हैराँ गुज़र गया था |
− | मैं हैराँ हैराँ ठहर गया हूँ | + | मैं हैराँ हैराँ ठहर गया हूँ |
− | तुम्हारे हाथों को चूम कर | + | तुम्हारे हाथों को चूम कर |
− | छू के अपनी आँखों से आज मैं ने | + | छू के अपनी आँखों से आज मैं ने |
− | जो आयतें | + | जो आयतें पढ़ नहीं सका |
− | उन के लम्स महसूस कर लिये हैं < | + | उन के लम्स महसूस कर लिये हैं |
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+ | '''[[स्पर्श / गुलजार / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।]]''' | ||
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15:29, 10 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण
कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी
लबों पे रखता था
दोनों आँखों से चूमता था
झुकाके पेशानी यूँ अक़ीदत से छू रहा था
जो आयतें पढ़ नहीं सका
उन के लम्स महसूस कर रहा हो
मैं हैराँ-हैराँ गुज़र गया था
मैं हैराँ हैराँ ठहर गया हूँ
तुम्हारे हाथों को चूम कर
छू के अपनी आँखों से आज मैं ने
जो आयतें पढ़ नहीं सका
उन के लम्स महसूस कर लिये हैं
......................................................................
यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।