"उमाशंकर तिवारी / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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+ | :::"नवगीत के प्रतिमान और आयाम"-- सम्पादित समीक्षात्मक निबन्ध-संग्रह। "हिन्दी के श्रेष्ठ नवगीतकार"-- समीक्षा एवं सम्पादित समीक्षात्मक निबन्ध-संकलन। | ||
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+ | '''कृतित्त्व ''': नवगीत के चर्चित हस्ताक्षर डा० उमाशंकर तिवारी हिन्दी के जाने-माने कवि थे। वे "नवगीत-दशक-2", "नवगीत अर्धशती" तथा पूर्वांचल विश्वविद्यालय की एम०ए० हिन्दी की पाठ्य-पुस्तकों के संकलित रचनाकार हैं। उनकी तीनों नवगीत-कृतियाँ उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा पुरस्कृत और प्रशंसित हैं। तीसरे नवगीत-संग्रह पर 1998 में उन्हें "डा० श्म्भुनाथ सिंह" न्यास पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वर्ष 2003 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने उन्हें साहित्य भूषण की उपाधि से अलंकृत किया था। ’धर्मयुग’, ’साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ’गगनांचल’, ’नवनीत’ , ’नया प्रतीक’ , ’वागर्थ’ जैसी स्तरीय पत्रिकाओं में उनकी कृतियाँ प्रकाशित हुईं। वे गाजीपुर से प्रकाशित ’समकालीन सोच’ नामक चातुर्मासिक पत्रिका के साहित्य-सम्पादक भी थे। |
00:32, 20 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
डा० उमाशंकर तिवारी
नवगीतकार
जन्मस्थान : बहादुरगंज, गाजीपुर (उत्तरप्रदेश)
रचनाएँ : जलते शहर में (1968), धूप कड़ी है (1986), तोहफ़े काँच घर के (1996)| "आधुनिक गीत-काव्य"-- शोध-प्रबन्ध।
- "नवगीत के प्रतिमान और आयाम"-- सम्पादित समीक्षात्मक निबन्ध-संग्रह। "हिन्दी के श्रेष्ठ नवगीतकार"-- समीक्षा एवं सम्पादित समीक्षात्मक निबन्ध-संकलन।
कृतित्त्व : नवगीत के चर्चित हस्ताक्षर डा० उमाशंकर तिवारी हिन्दी के जाने-माने कवि थे। वे "नवगीत-दशक-2", "नवगीत अर्धशती" तथा पूर्वांचल विश्वविद्यालय की एम०ए० हिन्दी की पाठ्य-पुस्तकों के संकलित रचनाकार हैं। उनकी तीनों नवगीत-कृतियाँ उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा पुरस्कृत और प्रशंसित हैं। तीसरे नवगीत-संग्रह पर 1998 में उन्हें "डा० श्म्भुनाथ सिंह" न्यास पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वर्ष 2003 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने उन्हें साहित्य भूषण की उपाधि से अलंकृत किया था। ’धर्मयुग’, ’साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ’गगनांचल’, ’नवनीत’ , ’नया प्रतीक’ , ’वागर्थ’ जैसी स्तरीय पत्रिकाओं में उनकी कृतियाँ प्रकाशित हुईं। वे गाजीपुर से प्रकाशित ’समकालीन सोच’ नामक चातुर्मासिक पत्रिका के साहित्य-सम्पादक भी थे।