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− | उसकी कत्थई | + | उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर-मंतर सब |
− | चाक़ू वाक़ू, | + | चाक़ू-वाक़ू, छुरियाँ-वुरियाँ, ख़ंजर-वंजर सब |
− | जिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे रूठे हैं | + | जिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे-रूठे हैं |
− | चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सब | + | चादर-वादर, तकिया-वकिया, बिस्तर-विस्तर सब |
− | मुझसे बिछड़ कर वह भी | + | मुझसे बिछड़ कर वह भी कहाँ अब पहले जैसी है |
− | फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब | + | फीके पड़ गए कपड़े-वपड़े, ज़ेवर-वेवर सब |
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+ | आखिर मै किस दिन डूबूँगा फ़िक्रें करते है | ||
+ | कश्ती-वश्ती, दरिया-वरिया लंगर-वंगर सब | ||
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00:58, 13 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर-मंतर सब
चाक़ू-वाक़ू, छुरियाँ-वुरियाँ, ख़ंजर-वंजर सब
जिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे-रूठे हैं
चादर-वादर, तकिया-वकिया, बिस्तर-विस्तर सब
मुझसे बिछड़ कर वह भी कहाँ अब पहले जैसी है
फीके पड़ गए कपड़े-वपड़े, ज़ेवर-वेवर सब
आखिर मै किस दिन डूबूँगा फ़िक्रें करते है
कश्ती-वश्ती, दरिया-वरिया लंगर-वंगर सब