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"गुमान / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

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सितारे से बात करते हैं
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09:47, 24 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण

मैं कच्ची नींद में हूँ
और अपने नीमख़्वाबिदा तनफ़्फ़ुस में उतरती
चाँदनी की चाप सुनती हूँ
गुमाँ है
आज भी शायद
मेरे माथे पे तेरे लब
सितारे से बात करते हैं