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"जिजीविषा / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर

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न रहेगा कोलगेट  
 
न रहेगा कोलगेट  
 
 
और न रहेगा कंप्यूटर  
 
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रहेगा सादा पानी ,
 
रहेगा सादा पानी ,
 
 
मेरी कविता  
 
मेरी कविता  
 
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और मैं...
और मैं ....
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मैं यानि मेरी इच्छाएं  
 
मैं यानि मेरी इच्छाएं  
 
 
मैं अक्सर सोचता हूँ  
 
मैं अक्सर सोचता हूँ  
 
 
मैं अक्सर चाहता हूँ  
 
मैं अक्सर चाहता हूँ  
 
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मैं...
मैं .....
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यानी मेरी दुनिया  
 
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यानि मेरी दुनिया  
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अनंत आकाश में  
 
अनंत आकाश में  
 
 
अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न.
 
अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न.
 
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18:09, 29 मई 2009 के समय का अवतरण

न रहेगा कोलगेट
और न रहेगा कंप्यूटर
रहेगा सादा पानी ,
मेरी कविता
और मैं...
मैं यानि मेरी इच्छाएं
मैं अक्सर सोचता हूँ
मैं अक्सर चाहता हूँ
मैं...
यानी मेरी दुनिया
अनंत आकाश में
अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न.