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"रुमालों पर / कविता वाचक्नवी" के अवतरणों में अंतर

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04:57, 3 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

रूमालों पर


हम रूमालों पर
कढ़े हैं
प्रीत के अक्षर,

कब तहाकर
रख चलो
किस जेब में तुम,
कौन जाने?