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"जितेन्द्र श्रीवास्तव / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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}}jitendra srivastava ka parichaya janam tithi:8.4.1974 janam sthan:silahata,deoria, u p pustaken-IN DINO HALCHAL,ANBHAI KATHA,ASUNDAR SUNDAR(KAVITA SANGRAH) BHARTIYA SAMAJ KEE SAMSYAYEN AUR PREMCHAND,BHARATIYA RASHTRAVAD AUR PREMCHAND,SHABDON MEN SAMAYA (ALOCHANA) PURASKAR-BHARAT BHOOSHAN AGGRWAL PURASKAR,BHARTIYA BHASHA PARISHAD PURASKAR,KRITI SAMMAN,RAMCHANDRA SHUKLA PURASKAR,VIJAY DEV NARAYAN SAHI PURASKAR,RAMVILAS SHARMA ALOCHANA SAMMAN. PATA-HINDI SANKAY,MANVIKI VIDYAPEETH, IGNOU.MAIDAN GARHI,NEW DELHI- 110068 E-MAIL-jitendra82003@yahoo.com m-09818913798
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हिंदी के प्रतिष्ठित कवि-आलोचक जितेन्द्र श्रीवास्तव की प्रमुख कृतियाँ हैं-इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, उजास, बेटियाँ तथा सूरज को अनूठा (कविता संग्रह) , भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, विचारधारा, नए विमर्श और समकालीन कविता, सर्जक का स्वप्न, रचना का जीवद्रव्य, आलोचना का मानुष मर्म, उपन्यास की परिधि, कहानी का क्षितिज (आलोचना) । उनकी कई कविताओं का अंग्रेज़ी एवं कई दूसरी भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है। कई कविताएँ कुछ विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। कई पुस्तकों का संपादन किया है।
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जितेन्द्र श्रीवास्तव को कविता तथा आलोचना के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, देवीशंकर अवस्थी सम्मान, हिन्दी अकादमी दिल्ली का कृति सम्मान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार एवं विजयदेव नारायण साही पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद कोलकाता का युवा पुरस्कार, रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान, परम्परा ऋतुराज सम्मान जैसे कई महत्त्वपूर्ण पुरस्कार-सम्मान मिल चुके हैं।
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम. ए., एम.फिल।और पी एच.डी पूरी करने वाले जितेन्द्र श्रीवास्तव वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर और पर्यटन एवं आतिथ्य सेवा प्रबंधन विद्यापीठ के निदेशक हैं। पूर्व में वे इग्नू के कुलसचिव भी रह चुके हैं।
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jitendra82003@gmail. com पर उनसे संपर्क किया जा सकता है।
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22:19, 5 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

हिंदी के प्रतिष्ठित कवि-आलोचक जितेन्द्र श्रीवास्तव की प्रमुख कृतियाँ हैं-इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, उजास, बेटियाँ तथा सूरज को अनूठा (कविता संग्रह) , भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, विचारधारा, नए विमर्श और समकालीन कविता, सर्जक का स्वप्न, रचना का जीवद्रव्य, आलोचना का मानुष मर्म, उपन्यास की परिधि, कहानी का क्षितिज (आलोचना) । उनकी कई कविताओं का अंग्रेज़ी एवं कई दूसरी भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है। कई कविताएँ कुछ विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। कई पुस्तकों का संपादन किया है।

जितेन्द्र श्रीवास्तव को कविता तथा आलोचना के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, देवीशंकर अवस्थी सम्मान, हिन्दी अकादमी दिल्ली का कृति सम्मान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार एवं विजयदेव नारायण साही पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद कोलकाता का युवा पुरस्कार, रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान, परम्परा ऋतुराज सम्मान जैसे कई महत्त्वपूर्ण पुरस्कार-सम्मान मिल चुके हैं।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम. ए., एम.फिल।और पी एच.डी पूरी करने वाले जितेन्द्र श्रीवास्तव वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर और पर्यटन एवं आतिथ्य सेवा प्रबंधन विद्यापीठ के निदेशक हैं। पूर्व में वे इग्नू के कुलसचिव भी रह चुके हैं।
jitendra82003@gmail. com पर उनसे संपर्क किया जा सकता है।