भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सौ गुलाब खिले/ग़ज़लें" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: ** अंधेरी रात के परदे में झिलमिलाया किये ** [[अगर समझो तो मैं ही सब क...)
 
छो (सौ गुलाब खिले का नाम बदलकर सौ गुलाब खिले/ग़ज़लें कर दिया गया है)
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 26: पंक्ति 26:
 
** [[कोई साथी भी नहीं, कोई सहारा  भी नहीं ]]
 
** [[कोई साथी भी नहीं, कोई सहारा  भी नहीं ]]
 
** [[कोई हमीं से आँख चुराए तो क्या करें!]]
 
** [[कोई हमीं से आँख चुराए तो क्या करें!]]
 +
** [[कोई हमें सताए, सताता ही जाए तो]]
 +
** [[खनक कुछ कम भी हो तो कम नहीं है]]
 +
** [[खिली गुलाब की दुनिया तो है सभी के लिये]]
 +
** [[चुप तो किसी भी बात पर रहते नहीं हैं हम]]
 +
** [[चले भी आइये क्यारी में सौ गुलाब खिले ]]
 +
** [[जहां है दिल ने पुकारा, वहीं जाना होगा]]
 +
** [[जान उन पर लुटाके बैठ गए ]]
 +
** [[ज़िन्दगी को यों ही भरमाया किये]]
 +
** [[ज़िन्दगी दर्द का दाह है ]]
 +
** [[जो कहते हैं, 'हमसे लड़ाई हुई है']]
 +
** [[जो जीवन में दुःख की घटा बन गयी है]]
 +
** [[जो पीने में ज्यादा या कम देखते हैं]]
 +
** [[जो रोते हैं ऐसी ही बातों में आप]]
 +
** [[झलक भी प्यार की कुछ उसमें मिल गयी होती ]]
 +
** [[तुम्हारे रूप को चाहे भला कहे तो कहे]]
 +
** [[तेरी तिरछी अदाओं पर जिन्हें मरना नहीं आता]]
 +
** [[दम न छूटे तो चारा नहीं ]]
 +
** [[दिया भी याद का इसमें जला के रक्खा है ]]
 +
** [[दिल के लुट जाने का गम कुछ भी नहीं!]]
 +
** [[दिल्लगी और ही है, दिल की लगी और ही है]]
 +
** [[दिल उनसे प्यार के नाते तो कोई दूर न था ]]
 +
** [[दिल की तड़पन देखिये, दुनिया की ठोकर देखिये ]]
 +
** [[दिल को तुम्हारे वादे का ऐतबार तो रहे ]]
 +
** [[दीप जलता ही रहेगा रात भर ]]
 +
** [[दुनिया को अपनी बात सुनाने चले हैं हम]]
 +
** [[दो घड़ी की हँसी-खुशी के लिए ]]
 +
** [[नज़र अब उनसे मिलाने की बात कौन करे!]]
 +
** [[नज़र नज़र से ही टकराए और कुछ मत हो]]
 +
** [[नज़र से दूर भी जाने से कोई दूर न था ]]
 +
** [[नहीं एक दिल की लगी छूटती है ]]
 +
** [[नहीं कोई भी मरने के सिवा अब काम बाक़ी है ]]
 +
** [[नहीं दुःख ये भार होता, न ये इंतज़ार होता ]]
 +
** [[न होंठ तक कभी आई, न मन के द्वार गयी]]
 +
** [[निराश प्राण में आशा के सुर सजाते चलो]]
 +
** [[पहले तो मेरे दर्द को अपना बनाइए ]]
 +
** [[प्यार की बात न कर प्यार को बस रहने दे ]]
 +
** [[प्यार को हम न कोई नाम दिया चाहते हैं]]
 +
** [[प्यार में यों भी जीना हुआ]]

05:04, 18 जुलाई 2009 के समय का अवतरण