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"संभव विडंबना भी / चंद्रसेन विराट" के अवतरणों में अंतर

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संभव विडंबना भी है साथ नव-सृजन के
 
संभव विडंबना भी है साथ नव-सृजन के
 
 
उल्लास तो बढ़ेंगे, परिहास कम न होंगे
 
उल्लास तो बढ़ेंगे, परिहास कम न होंगे
 
  
 
अलगाव की विवशता
 
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हरदम निकट रही है
 
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इतना प्रयत्न फिर भी
 
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दूरी न घट रही है
 
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होगा विकास फिर भी संभाव्य है विपर्यय
 
होगा विकास फिर भी संभाव्य है विपर्यय
 
 
आवास तो बढ़ेंगे, वनवास कम न होंगे।
 
आवास तो बढ़ेंगे, वनवास कम न होंगे।
 
  
 
परिणाम पक्ष में हो
 
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परितोष पर न होगा
 
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हो प्राप्त सफलताएं
 
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संतोष पर न होगा
 
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हर प्राप्ति में विफलता का बोध शेष होगा
 
हर प्राप्ति में विफलता का बोध शेष होगा
 
 
हों भोज अधिक फिर भी उपवास कम न होंगे
 
हों भोज अधिक फिर भी उपवास कम न होंगे
 
  
 
भौतिक पदार्थवादी
 
भौतिक पदार्थवादी
 
 
उपलब्धियां बढ़ेंगी
 
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रक्तों रंगी वसीयत
 
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क्या पीढ़ियां पढ़ेंगी?
 
क्या पीढ़ियां पढ़ेंगी?
 
 
उपभोग्य वस्तुओं में है वस्तु आदमी भी
 
उपभोग्य वस्तुओं में है वस्तु आदमी भी
 
 
सपन्नता बढ़ेगी, संत्रास कम न होंगे।
 
सपन्नता बढ़ेगी, संत्रास कम न होंगे।
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09:10, 13 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

संभव विडंबना भी है साथ नव-सृजन के
उल्लास तो बढ़ेंगे, परिहास कम न होंगे

अलगाव की विवशता
हरदम निकट रही है
इतना प्रयत्न फिर भी
दूरी न घट रही है
होगा विकास फिर भी संभाव्य है विपर्यय
आवास तो बढ़ेंगे, वनवास कम न होंगे।

परिणाम पक्ष में हो
परितोष पर न होगा
हो प्राप्त सफलताएं
संतोष पर न होगा
हर प्राप्ति में विफलता का बोध शेष होगा
हों भोज अधिक फिर भी उपवास कम न होंगे

भौतिक पदार्थवादी
उपलब्धियां बढ़ेंगी
रक्तों रंगी वसीयत
क्या पीढ़ियां पढ़ेंगी?
उपभोग्य वस्तुओं में है वस्तु आदमी भी
सपन्नता बढ़ेगी, संत्रास कम न होंगे।