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"तुम्हारा नाम / इला कुमार" के अवतरणों में अंतर

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फिर लिखा, फिर मिटाया,
 
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पता नहीं कितनी बार
 
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नंगी चट्टान की इस रुखी कठोर छाती पर
 
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तुम्हारा नाम
 
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वही नाम
 
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जो हमारे बीच के स्वप्निल पलों के बीच पला,
 
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संबंधों के गुलाबी दायरों के बीच दौड़ा  
 
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आंखो के जादू में समाया समाया,
 
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आखिर एक दिन
 
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किसी नाजुक से समय में मेरे होठों से फिसल पड़ा था,
 
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और तुमने सदा-सदा के लिए उसे अपने लिए सहेज लिया था
 
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वही नाम
 
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जो आज तुम्हारे लिए है,
 
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शायद इसलिए ही इतना प्यारा है
 
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19:41, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

लिखा, मिटाया
फिर लिखा, फिर मिटाया,
पता नहीं कितनी बार

नंगी चट्टान की इस रुखी कठोर छाती पर
तुम्हारा नाम
वही नाम

जो हमारे बीच के स्वप्निल पलों के बीच पला,
संबंधों के गुलाबी दायरों के बीच दौड़ा
आंखो के जादू में समाया समाया,
आखिर एक दिन

किसी नाजुक से समय में मेरे होठों से फिसल पड़ा था,
और तुमने सदा-सदा के लिए उसे अपने लिए सहेज लिया था

वही नाम
जो आज तुम्हारे लिए है,
शायद इसलिए ही इतना प्यारा है