भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गोपाल सिंह नेपाली / परिचय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKRachnakaarParichay |रचनाकार=अंजना संधीर }} गोपालसिंह नेपाली का जन्म चम्पारन ...)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
 
{{KKRachnakaarParichay
 
{{KKRachnakaarParichay
|रचनाकार=अंजना संधीर
+
|रचनाकार=गोपाल सिंह नेपाली
 
}}
 
}}
गोपालसिंह नेपाली का जन्म चम्पारन जिले के बेतिया नामक स्थान में हुआ। इन्होंने प्रवेशिका तक शिक्षा प्राप्त की, कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और फिल्मों के गीत लिखे। कविता क्षेत्र में नेपाली ने देश-प्रेम, प्रकृति-प्रेम तथा मानवीय भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है। मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'उमंग, 'पंछी, 'रागिनी तथा 'नीलिमा।
+
गोपालसिंह नेपाली का जन्म चम्पारन जिले के बेतिया नामक स्थान पर कालीबाग दरबार के नेपाली महल में हुआ था। इन्होंने प्रवेशिका तक शिक्षा प्राप्त की, कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और फिल्मों के गीत लिखे। कविता क्षेत्र में नेपाली ने देश-प्रेम, प्रकृति-प्रेम तथा मानवीय भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है। मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'उमंग, 'पंछी, 'रागिनी तथा 'नीलिमा। १९३२ में उन्होंने 'प्रभात' और 'मुरली' नाम से क्रमशः हिन्दी और अंग्रेज़ी में हस्तलिखित पत्रिकाएँ भी निकालीं। मंचों के हिट कवि। उन्हें "गीतों का राजकुमार" कहा जाता था। १९६३ में माते ५२ वर्ष की उम्र में भागलपुर रेलवे स्टेशन पर देहांत।

21:11, 20 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

गोपालसिंह नेपाली का जन्म चम्पारन जिले के बेतिया नामक स्थान पर कालीबाग दरबार के नेपाली महल में हुआ था। इन्होंने प्रवेशिका तक शिक्षा प्राप्त की, कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और फिल्मों के गीत लिखे। कविता क्षेत्र में नेपाली ने देश-प्रेम, प्रकृति-प्रेम तथा मानवीय भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है। मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'उमंग, 'पंछी, 'रागिनी तथा 'नीलिमा। १९३२ में उन्होंने 'प्रभात' और 'मुरली' नाम से क्रमशः हिन्दी और अंग्रेज़ी में हस्तलिखित पत्रिकाएँ भी निकालीं। मंचों के हिट कवि। उन्हें "गीतों का राजकुमार" कहा जाता था। १९६३ में माते ५२ वर्ष की उम्र में भागलपुर रेलवे स्टेशन पर देहांत।