भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आब और विआ / शीन काफ़ निज़ाम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम }} {{KKCatNazm}} <poem> पहाड़ी झरने के पास सूख...) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम | |रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम | ||
+ | |संग्रह=सायों के साए में / शीन काफ़ निज़ाम | ||
}} | }} | ||
− | {{KKCatNazm}} | + | {{KKCatNazm}} |
<poem> | <poem> | ||
पहाड़ी झरने के पास | पहाड़ी झरने के पास |
13:48, 22 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
पहाड़ी झरने के पास
सूख रहे हैं
कपड़े, असा<ref>सहारे के लिए हाथ में ली गई लकड़ी</ref> पर
विआ<ref>बर्तन</ref> में भरा है
आब
मछली जिसमें तैरती है
शब्दार्थ
<references/>