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यदि आप किसी कविता विशेष को खोज रहे हैं तो उस कविता के बारे में आप इस पन्ने पर लिख सकते हैं। कविता के बारे में जितनी सूचना आप दे सकते हैं उतनी अवश्य दें -जैसे कि कविता का शीर्षक और लेखक का नाम।<br><br>
 
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यदि आप में से किसी के पास इस पन्ने पर अनुरोधित कोई कविता है तो कृपया उसे इस पन्ने के अंत में जोड़ दें -अथवा उसे kavitakosh@gmail.com पर भेज दें। आपका यह योगदान प्रशंसनीय होगा।<br><br>
 
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<b>निम्नलिखित कविताओं की आवश्यकता है:</b>
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* निराशावादी (लेखक: [[हरिवंशराय बच्चन]])
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तुलसीदास का दोहा - <br>
* ना मैं सो रहा हूँ ना तुम सो रही हो, मगर बीच में यामिनी ढल रही है (लेखक: [[हरिवंशराय बच्चन]])
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आवत ही हरशै नहीं , नैनं नहीं सनेह | <br>
* hum karen rashtra aaradhan (lekhak: [[jai shankar prasad]])
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तुलसी तहा जाईये , चाहे कंचन बरसे मेह || <br>
* मैं तो वही खिलौना लूँगा (शब्द कुछ कुछ ऐसे हैं और लेखिका शायद सुभद्राकुमारी चौहान हैं) --रोहित द्वारा अनुरोधित --[[ललित कुमार]]
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कहाँ से लिया गया है?
* Thaal sajaakar kise poojane, Chale pratahee matawaale Kahaan chale tum raam naam kaa Peetamber tan par daale -- Himansu Pathak dwara anurodhit
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*
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Kartik ki ek husmukh subah,
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abhi jaise ganga tatt se lot ti
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suvasit bhigi hawayen
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sada paawan maa srikhi.....
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.........
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soya dekh mujhe jagati ho
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siraane rakh kuch phool harsingar ke
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baal bikhare hue tanik swar ke.
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(Purani X kaksha ki NCERT Pustak ke akhri panno me kahi yeh kavita mujhe bahut priay thi
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par ab kuch pankitiyan aur lekhak yaad nahi) ---Saurabh द्वारा अनुरोधित
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* I want to read poems of maithili poet maithili kokil kavivar vidyapati if it is possible?(kavita ka shirshak- '''jogia more jagat sukhdayak..)'''
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please find one poem for me that i have listen on SAB Tv show Wah-Wah but unfortunatly i forgot the name of that poet. the poem is "priye tumhari sudhi ko maine aksar yun hi choom liya geet likha tum par phir uska akshar aksha choom liya
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*'''डॉ कमलकान्‍त बुधकर'''  की रचनाऍं, उनके गीत और कविताऍं...
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  *  1. नौ बजे तक सुबह न हुई
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  *  2. चैत्र की चॉंदनी सी तुम
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  *  3. हर दीपावली पर उनके द्वारा रचित कविता
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मैं गिरिधर की कुछ कुँडलियाँ अपने कविता कोश पर देखना चाहता हूँ। <Br/>
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एक कुण्डलिया , जो मुझे याद है: <Br/><Br/>
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साईं बैर कीजिये, कबि पंडित गुरु यार। <Br/>
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बेटा बनिता पौरिया, यज्ञ करावनहार।। <Br/>
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यज्ञकरावनहार राजमंत्री जो होई।  <Br/>
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बिप्र पड़ोसी बैद्य आपको तपे रसोई।।  <Br/>
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कह गिरिधर कबिराय ....  <Br/>
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इन तेरह सों तरह किये बिनु आवै साईं।।  <Br/><Br/>
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'''--अनुनाद सिंह'''
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I am looking for some poems/prose/texts in Hindi Literature where the author is describing a 'landscape.'
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It could be a travel-writing, or just a description of any village/city/forest/sea etc.
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Will be indebted for this help.
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::कविता कोश में उपलब्ध "खोज" का प्रयोग कीजीये। मैनें "प्रकृति" शब्द पर खोज की तो मुझे यह कविता मिली [[मेरा प्रकृति प्रेम / मुकुटधर पांडेय]]। आशा है आपको प्रकृअति के बारे में यह रचना पसंद आएगी।''' --[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १७:०५, ७ मई २००७ (UTC)'''
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'''I am looking for the poem "Kachari" by Sh. Kailash Gautam. Please I NEED IT URGENTLY. Can someone email me the same at savita.qa@gmail.com'''
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I am adding one of my unpublished poem here.
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Feedback is welcome at mrisha2k2@yahoo.com.
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                        ** उदगम **
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नदी का उदगम,
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उसकी क्षमता का
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संकेत नही |
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वह छोटी सी धारा,
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चंद पत्थरों के बीच से,
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निकलती है जो,
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उसका बचपन,
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उसके यौवन का,
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सामर्थ्य नही|
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हठ, आगे बढ़ने का,
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निश्चय, न रुकने का,
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जीवन है उसका,
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पर्वतों को भेदना,
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निगलना मैदानो को,
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उसका प्रवाह,
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सामर्थ्य है उसका |
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सिन्धु की तृप्ति,
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बागीचे नही,
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वनों को सींचती है,
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उसकी क्षमता |
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नदी का उदगम,
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सामर्थ्य नही उसका |
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                                          ---मृणाल शर्मा
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19:28, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

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तुलसीदास का दोहा -
आवत ही हरशै नहीं , नैनं नहीं सनेह |
तुलसी तहा न जाईये , चाहे कंचन बरसे मेह ||
कहाँ से लिया गया है?