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"बच्चे,औरतें और आदमी / अवतार ऐनगिल" के अवतरणों में अंतर

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मेरी मां सुबह से
 
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हाथ पोंछते हुए
 
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और दो इस्पाती हथेलियों में
 
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वह आदमी  
 
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जो हर पोस्टर पर छपा है
 
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जो हज़ार बरसों से गुमशुदा है....।
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13:29, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
मेरी मां सुबह से
लगातार
लगातार कपड़े धो रही है



वह चौके-बासन से निंबटकर
हाथ पोंछते हुए
उसके बिस्तर तक जाती है
और दो इस्पाती हथेलियों में
कैद हो जाती है



वह आदमी
जो हर पोस्टर पर छपा है
हर दीवार पर खुदा है
जो हज़ार बरसों से गुमशुदा है....।