Last modified on 2 जनवरी 2010, at 15:38

"सूरीनाम नदी तट पर गंगा - १ / पुष्पिता" के अवतरणों में अंतर

(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता }} <poem> एक नदी से मिलती है एक नदी आैर खामो...)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=पुष्पिता  
 
|रचनाकार=पुष्पिता  
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
एक नदी से
 
एक नदी से
 
मिलती है एक नदी
 
मिलती है एक नदी
आैर खामोश हो जाती है।
+
और खामोश हो जाती है।
  
 
नदी की आंखों में
 
नदी की आंखों में
 
देखती है एक नदी
 
देखती है एक नदी
आैर रो पड़ती है।
+
और रो पड़ती है।
  
 
नदी बहकर आती है
 
नदी बहकर आती है
आैर बहाकर ले जाती है आंखों को
+
और बहाकर ले जाती है आंखों को
मन की नदी की आेर।
+
मन की नदी की ओर।
  
 
सूरीनामी नदी
 
सूरीनामी नदी
पंक्ति 23: पंक्ति 24:
 
सूरीनामी नदी
 
सूरीनामी नदी
 
शब्द-नदी की तरह मिलती है
 
शब्द-नदी की तरह मिलती है
आैर अथर्-सरिता की तरह मिल जाती है
+
और अर्थ-सरिता की तरह मिल जाती है
 
मन की गंगा में
 
मन की गंगा में
 
गंगा होने के लिए।
 
गंगा होने के लिए।
 
</poem>
 
</poem>

15:38, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

एक नदी से
मिलती है एक नदी
और खामोश हो जाती है।

नदी की आंखों में
देखती है एक नदी
और रो पड़ती है।

नदी बहकर आती है
और बहाकर ले जाती है आंखों को
मन की नदी की ओर।

सूरीनामी नदी
आंखों में समा जाती है
मन के समुदर् में
गंगा की तलाश में।

सूरीनामी नदी
शब्द-नदी की तरह मिलती है
और अर्थ-सरिता की तरह मिल जाती है
मन की गंगा में
गंगा होने के लिए।