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"फुनगियों तक बेल / हरीश निगम" के अवतरणों में अंतर
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फुनगियों तक | फुनगियों तक |
20:48, 8 मार्च 2011 के समय का अवतरण
फुनगियों तक
बेल चढ़ आई!
बादलों को
टेरती
होती सिंदूरी
देह सौगंधों हरी
मन की मयूरी
इंद्रधनु के
पत्र पढ़ आई!
दूब-अक्षत
फूल खुशबू
धूप गाती
सप्तपदियाँ घोलती
पायल बजाती
नेह के
सौ बिंब गढ़ आई!