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"ललक / अब्दुल्ला पेसिऊ" के अवतरणों में अंतर

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11:32, 26 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: अब्दुल्ला पेसिऊ  » ललक

मैं इस वक़्त
हड़बड़ी में हूँ

जल्द से जल्द इकट्ठा कर लूँ
पेड़ों से कुछ पत्तियाँ
चुन लूँ कुछ हरी दूब
और सहेज लूँ कुछ जंगली फूल
इस मिट्टी से -

डर यह नहीं
कि विस्मृत हो जाएंगे उनके नाम

बल्कि यह है कि
कहीं धुल न जाए
स्मृति से उनकी सुगन्ध।

 अंग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र