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"आस्था-3 / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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मौत ही तो आई है मुझे
 
मौत ही तो आई है मुझे
 
जी नहीं पाओगे तुम लेकिन
 
जी नहीं पाओगे तुम लेकिन
इतनी तो आस्था है तुम्हे
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इतनी तो आस्था है तुम्हें
 
मुझपर..
 
मुझपर..
 
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19:10, 9 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

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सपना ही तो टूटा है
मौत ही तो आई है मुझे
जी नहीं पाओगे तुम लेकिन
इतनी तो आस्था है तुम्हें
मुझपर..