Changes

एक थी नदी / अवतार एनगिल

No change in size, 10:48, 24 अप्रैल 2010
तपती दोपहर में,
बहती है एक नदीः
कुछ कोई नहीं! कोई नहीं !
कुछ नहीं! कुछ नहीं !
</poem>