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"बस में पिता / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर
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मैंने बिल्कुल साफ़-साफ़ देखा | मैंने बिल्कुल साफ़-साफ़ देखा |
01:01, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मैंने बिल्कुल साफ़-साफ़ देखा
उस बस पर बैठे
कहीं जा रहे थे पिता
उनके सफ़ेद गाल, तम्बाकू भरा उनका मुँह
किसी को न पहचानती उनकी आँखें
उस बस को रोको
जो अदृश्य हो जाएगी अभी
उस बस तक
क्या
पहुँच सकती है
मेरी आवाज़ ?
उस बस पर बैठ कर
इस तरह क्यों चले गए पिता ?