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"बारिश-4 / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

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18:49, 31 मार्च 2011 के समय का अवतरण

बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की
उसे बुला जिसकी चाहत में
तेरा तन-मन भीगा है
प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी
और जब उस बारिश के बाद
हिज्र की पहली धूप खुलेगी
तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे