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"मेरे गीत बड़े हरियाले / नरेन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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मैने अपने गीत, | मैने अपने गीत, | ||
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सघन वन अन्तराल से | सघन वन अन्तराल से | ||
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खोज निकाले | खोज निकाले | ||
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मैँने इन्हे जलधि मे खोजा, | मैँने इन्हे जलधि मे खोजा, | ||
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जहाँ द्रवित होता फिरोज़ा | जहाँ द्रवित होता फिरोज़ा | ||
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मन का मधु वितरित करने को, | मन का मधु वितरित करने को, | ||
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गीत बने मरकत के प्याले ! | गीत बने मरकत के प्याले ! | ||
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कनक-वेनु, नभ नील रागिनी, | कनक-वेनु, नभ नील रागिनी, | ||
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बनी रही वंशी सुहागिनी | बनी रही वंशी सुहागिनी | ||
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सात रंध्र की सीढ़ी पर चढ़, | सात रंध्र की सीढ़ी पर चढ़, | ||
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गीत बने हारिल मतवाले ! | गीत बने हारिल मतवाले ! | ||
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देवदारु की हरित-शिखर पर | देवदारु की हरित-शिखर पर | ||
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अन्तिम नीड़ बनायेँगे स्वर, | अन्तिम नीड़ बनायेँगे स्वर, | ||
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शुभ्र हिमालय की छाया मेँ, | शुभ्र हिमालय की छाया मेँ, | ||
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लय हो जायेँगे, लय वाले ! | लय हो जायेँगे, लय वाले ! | ||
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12:32, 8 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
मेरे गीत बड़े हरियाले,
मैने अपने गीत,
सघन वन अन्तराल से
खोज निकाले
मैँने इन्हे जलधि मे खोजा,
जहाँ द्रवित होता फिरोज़ा
मन का मधु वितरित करने को,
गीत बने मरकत के प्याले !
कनक-वेनु, नभ नील रागिनी,
बनी रही वंशी सुहागिनी
सात रंध्र की सीढ़ी पर चढ़,
गीत बने हारिल मतवाले !
देवदारु की हरित-शिखर पर
अन्तिम नीड़ बनायेँगे स्वर,
शुभ्र हिमालय की छाया मेँ,
लय हो जायेँगे, लय वाले !