गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गूँगी छाया जो कुछ कहती / आरागों
15 bytes removed
,
11:11, 27 दिसम्बर 2009
|रचनाकार=लुई आरागों
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कुछ नहीं
न हो धूप और न छाँव
शायद कोई और
::::
लेकिन कुछ नहीं वह
अगर कुछ नहीं हो तो
::::
कुछ नहीं की बर्फ़ है वह।
लेज़ादिय से(1982) से
</poem>
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits