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"चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर

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छो (ऐ मेरे हमसफ़र /छबीली का नाम बदलकर ऐ मेरे हमसफ़र / छबीली कर दिया गया है)
छो (ऐ मेरे हमसफ़र / छबीली का नाम बदलकर चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर कर दिया गया है)
 
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ऐ मेरे हमसफ़र
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चंदन सा बदन चंचल चितवन
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धीरे से तेरा ये मुस्काना
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मुझे दोष न देना जग वालों - (२)
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हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
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चंदन सा ...
  
ले रोक अपनी नज़र
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ये काम कमान भँवे तेरी
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पलकों के किनारे कजरारे
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माथे पर सिंदूरी सूरज
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होंठों पे दहकते अंगारे
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साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२)
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आबाद हो दिल का वीराना
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चंदन सा ...
  
ना देख इस कदर
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तन भी सुंदर मन भी सुंदर
 
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तू सुंदरता की मूरत है
ये दिल है बड़ा बेसबर
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किसी और को शायद कम होगी
 
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मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
 
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पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२)
चांद तारों से पूछ ले
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तू और न मुझको तरसाना
 
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चंदन सा ...</poem>
या किनारो से पूछ ले
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दिल के मारो से पूछ ले
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क्या हो रहा है असर
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ले रोक अपनी नज़र
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ना देख इस कदर
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ये दिल है बड़ा बेसबर
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मुस्कुराती है चांदनी
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छा जाती है ख़ामोशी
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गुनगुनाती है ज़िंदगी
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ऐसे में हो कैसे गुज़र
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ले रोक अपनी नज़र
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ना देख इस कदर
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ये दिल है बड़ा बेसबर
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22:13, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

चंदन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जग वालों - (२)
हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
चंदन सा ...

ये काम कमान भँवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२)
आबाद हो दिल का वीराना
चंदन सा ...

तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२)
तू और न मुझको तरसाना
चंदन सा ...