| छो (ऐ मेरे हमसफ़र /छबीली का नाम बदलकर ऐ मेरे हमसफ़र / छबीली कर दिया गया है) | Sandeep Sethi  (चर्चा | योगदान)  छो (ऐ मेरे हमसफ़र / छबीली का नाम बदलकर चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर कर दिया गया है) | ||
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| + | धीरे से तेरा ये मुस्काना | ||
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| − | + | ये काम कमान भँवे तेरी | |
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| + | होंठों पे दहकते अंगारे | ||
| + | साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२) | ||
| + | आबाद हो दिल का वीराना | ||
| + | चंदन सा ... | ||
| − | + | तन भी सुंदर मन भी सुंदर | |
| − | + | तू सुंदरता की मूरत है | |
| − | + | किसी और को शायद कम होगी | |
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| − | + | पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२) | |
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22:13, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
चंदन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जग वालों - (२)
हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
चंदन सा ...
ये काम कमान भँवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२)
आबाद हो दिल का वीराना
चंदन सा ...
तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२)
तू और न मुझको तरसाना
चंदन सा ...