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"नियति / संवर्त / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर
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− | कैसे सोया जाय ! | + | कैसे सोया जाय! |
− | बंजर धरती की | + | बंजर धरती की |
− | कँकरीली मिट्टी पर | + | कँकरीली मिट्टी पर |
− | नूतन जीवन | + | नूतन जीवन |
− | कैसे बोया जाय !< | + | कैसे बोया जाय! |
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14:24, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
संदेहों का धूम भरा
साँसें
कैसे ली जायँ!
अधरों में
विष तीव्र घुला
मधुरस
कैसे पीया जाय!
पछतावे का ज्वार उठा
जब उर में
कोमल शय्या पर
कैसे सोया जाय!
बंजर धरती की
कँकरीली मिट्टी पर
नूतन जीवन
कैसे बोया जाय!