छो |
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) छो |
||
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | [[Category: | + | |रचनाकार=ग़ालिब |
− | + | |संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब | |
+ | }} | ||
+ | [[Category:ग़ज़ल]] | ||
+ | <poem> | ||
+ | इब्ने-मरियम <ref>मरियम के बेटे यानि ईसा </ref> हुआ करे कोई | ||
+ | मेरे दुख की दवा करे कोई | ||
− | + | शरअ-ओ-आईन<ref>पवित्र और धर्मनिरपेक्ष कानून</ref> पर मदार<ref>आधारित</ref> सही | |
+ | ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई | ||
− | + | चाल, जैसे कड़ी कमाँ का तीर | |
− | + | दिल में ऐसे के जा<ref>जगह</ref> करे कोई | |
− | + | बात पर वाँ ज़बान कटती है | |
− | + | वो कहें और सुना करे कोई | |
− | + | बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ | |
− | + | कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई | |
− | + | न सुनो गर बुरा कहे कोई | |
− | + | न कहो गर बुरा करे कोई | |
− | + | रोक लो, गर ग़लत चले कोई | |
− | + | बख़्श दो गर ख़ता करे कोई | |
− | + | कौन है जो नहीं है हाजतमंद<ref>ज़रूरतमंद</ref> | |
− | + | किसकी हाजत<ref>ज़रूरत</ref> रवा<ref>पूरी</ref> करे कोई | |
− | + | क्या किया ख़िज्र<ref>ख़िज्र सिकंदर का नौकर था और उसने सिकंदर को धोखा दिया था</ref> ने सिकंदर से | |
− | + | अब किसे रहनुमा<ref>राह बताने वाला,पथ-प्रदर्शक</ref> करे कोई | |
− | + | जब तवक़्क़ो<ref>उम्मीद</ref> ही उठ गयी "ग़ालिब" | |
− | + | क्यों किसी का गिला करे कोई | |
− | + | </poem> | |
− | + | {{KKMeaning}} | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | क्यों किसी का गिला करे कोई < | + |
02:20, 14 मार्च 2010 के समय का अवतरण
इब्ने-मरियम <ref>मरियम के बेटे यानि ईसा </ref> हुआ करे कोई
मेरे दुख की दवा करे कोई
शरअ-ओ-आईन<ref>पवित्र और धर्मनिरपेक्ष कानून</ref> पर मदार<ref>आधारित</ref> सही
ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई
चाल, जैसे कड़ी कमाँ का तीर
दिल में ऐसे के जा<ref>जगह</ref> करे कोई
बात पर वाँ ज़बान कटती है
वो कहें और सुना करे कोई
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ
कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई
न सुनो गर बुरा कहे कोई
न कहो गर बुरा करे कोई
रोक लो, गर ग़लत चले कोई
बख़्श दो गर ख़ता करे कोई
कौन है जो नहीं है हाजतमंद<ref>ज़रूरतमंद</ref>
किसकी हाजत<ref>ज़रूरत</ref> रवा<ref>पूरी</ref> करे कोई
क्या किया ख़िज्र<ref>ख़िज्र सिकंदर का नौकर था और उसने सिकंदर को धोखा दिया था</ref> ने सिकंदर से
अब किसे रहनुमा<ref>राह बताने वाला,पथ-प्रदर्शक</ref> करे कोई
जब तवक़्क़ो<ref>उम्मीद</ref> ही उठ गयी "ग़ालिब"
क्यों किसी का गिला करे कोई