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"मंगलाचरण / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’" के अवतरणों में अंतर
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जासौं जाति विषय-विषाद की विवाई बेगि | जासौं जाति विषय-विषाद की विवाई बेगि | ||
− | चोप-चिकनाई चित चारु गहिबौ करै । | + | ::चोप-चिकनाई चित चारु गहिबौ करै । |
कहै रतनाकर कवित्त-बर-व्यंजन मैं | कहै रतनाकर कवित्त-बर-व्यंजन मैं | ||
− | जासौ स्वाद सौगुनौ रुचिर रहिबौ करै॥ | + | ::जासौ स्वाद सौगुनौ रुचिर रहिबौ करै॥ |
जासौं जोति जागति अनूप मन-मंदिर मैं | जासौं जोति जागति अनूप मन-मंदिर मैं | ||
− | जड़ता-विषम-तम-तोम-दहिबौ करै । | + | ::जड़ता-विषम-तम-तोम-दहिबौ करै । |
जयति जसोमति के लाड़िले गुपाल, जन | जयति जसोमति के लाड़िले गुपाल, जन | ||
− | रावरी कृपा सौं सो सनेह लहिबौ करै॥ | + | ::रावरी कृपा सौं सो सनेह लहिबौ करै॥ |
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09:39, 2 मार्च 2010 के समय का अवतरण
जासौं जाति विषय-विषाद की विवाई बेगि
चोप-चिकनाई चित चारु गहिबौ करै ।
कहै रतनाकर कवित्त-बर-व्यंजन मैं
जासौ स्वाद सौगुनौ रुचिर रहिबौ करै॥
जासौं जोति जागति अनूप मन-मंदिर मैं
जड़ता-विषम-तम-तोम-दहिबौ करै ।
जयति जसोमति के लाड़िले गुपाल, जन
रावरी कृपा सौं सो सनेह लहिबौ करै॥