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हम को गुमाँ था परियों जैसी शहजादी होगी / आलम खुर्शीद
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06:26, 29 जनवरी 2010
खाम ख्याली थी ये नफ़रत मीयादी होगी
इक झोंके से हिल जाती है क्यों घर की
बनियाद
बुनियाद
इस की जड़ में चूक यक़ीनन बुनियादी होगी
अनिल जनविजय
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