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"ज़िद्दी / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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'''जिद्दी'''
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मैं रहा हूँ जिद्दी जीवन-भर<br />
 
मैं रहा हूँ जिद्दी जीवन-भर<br />

21:54, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

मैं रहा हूँ जिद्दी जीवन-भर
ऊपर से शान्त
मैं रहा हूँ ज़िद्दी.
कविता
तुम अक्सर चली जाती हो
दूर मुझसे.
पर मेरी ज़िद पहचानो.
कविता
मैं रहा हूँ जिद्दी जीवन-भर.