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अधी राती दुपट्टा रंगया
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न माही आया न किली टंगया  
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तू सच सच आख वे जोगी  
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सजन मिलसी के न मिलसी
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अधी राती पकन केले  
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विच्छ्डयाँ नूं रब आप सेले  
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तू सच सच आख वे जोगी  
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12:14, 14 मार्च 2010 के समय का अवतरण

पंजाबी लोकगीत

  • [[तू सच सच आख वे जोगी,

सजन मिलसी के न मिलसी.,

मिलन होसी के न होसी,


न करिये माण वतनां दा,

असीं हाँ लाल परदेसी,

तू सच सच आख वे जोगी,

सजन मिलसी के न मिलसी,

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती दुपट्टा रंगया,

न माही आया न किली टंगया,

तू सच सच आख वे जोगी,

सजन मिलसी के न मिलसी,

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती पकन केले,

विच्छ्डयाँ नूं रब आप सेले,

तू सच सच आख वे जोगी,

सजन मिलसी के न मिलसी,

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती पकन आडू

वगण नदियाँ तरण तारु

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती चमकण तारे

जुदाई वाले तीर सानुं किस मारे

न तुसां मारे न असां मारे

मारण वाला प्रभु आप जाणे

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,