Last modified on 28 फ़रवरी 2010, at 09:54

"लाईआ ते तोड़ निभावीं / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार= }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=पंजाबी }} <poem> लायिया ते तोड़ निभ…)
 
छो (लायिया ते तोड़ निभावीं / पंजाबी का नाम बदलकर लाईआ ते तोड़ निभावीं / पंजाबी कर दिया गया है)
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKLokRachna
 
{{KKLokRachna
|रचनाकार=
+
|रचनाकार=अज्ञात
 
}}
 
}}
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
}}
 
}}
 
<poem>
 
<poem>
लायिया ते तोड़ निभावीं,
+
लाईआ ते तोड़ निभावीं चन्न वे
चन्न वे,
+
छड के न जावीं वे बीबा छड के न जांवीं
छड के न जान्वीं,
+
बीबा छड के न जांवीं...
+
माही सहुकारा वे,
+
कुड़ी मैं गरीबाँ दी,
+
तेरे हथ डोर,
+
चन्ना मेरिया,
+
मेरे नसीबाँ दी,
+
लायिया ते तोड़ निभावीं...
+
चन्न वे,
+
छड के न जान्वीं बीबा,
+
छड के न जांवीं...
+
  
किसे किसे वेले चन्ना मेरेया,
+
माही साहुकारा वे कुड़ी आं गरीबां दी
जाण मेरी दरदी वे,
+
तेरे हथ डोर चन्ना मेरेआं नसीबाँ दी
सुनया ऐ लगी होई,
+
 
तोड़ नइयों छडदी,
+
ऐस ताज महल उत्ते एहो सोहं पाई ए
चन्न वे,
+
जिंदगी चलाई ए तेरे नाल लाई ए
लायियाँ ते तोड़ निभावीं,
+
 
छड के न जान्वीं,
+
किसे किसे वेले चन्ना जान मेरी डरदी वे
बीबा छड के न जान्वीं
+
सुनया ऐ लगी होई तोड़ नइयों चड़दी
इस ताज महल उत्ते एहियो सोहे, 
+
जिंदगी चलाई ए तेरे नाम लई,
+
हाँ तेरे नाम लई,
+
लायियाँ ते तोड़ निभावीं,
+
चन्न वे,
+
छड के न जान्वीं,
+
बीबा छड के न जांवीं...
+
 
</poem>
 
</poem>

09:54, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लाईआ ते तोड़ निभावीं चन्न वे
छड के न जावीं वे बीबा छड के न जांवीं

माही साहुकारा वे कुड़ी आं गरीबां दी
तेरे हथ डोर चन्ना मेरेआं नसीबाँ दी

ऐस ताज महल उत्ते एहो सोहं पाई ए
जिंदगी चलाई ए तेरे नाल लाई ए

किसे किसे वेले चन्ना जान मेरी डरदी वे
सुनया ऐ लगी होई तोड़ नइयों चड़दी