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"कड़ी जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां /पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

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जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,  
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के सारे पिंड गुड वण्डदी,  
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जगया के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
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-जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा,   
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जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,  
मैं इक थीं दो जणदी, जगया!
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के वडे हो काका डालदा जगया!
 
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तुर परदेस गयों वे बुआ वजया
के टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वजया  
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जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,
 
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सारे पिंड गुड वण्डदी, जगया
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तुर परदेस गयों वे बुआ वजया
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जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा,   
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मैं इक थान्यीं दो जणदी, जगया!
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टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वजया  
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जग्गे मारया लैयल पुर डाका
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तारां खड़क गयीं आपे
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तारीखान पुगातन गे तेरे मापे
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कच्चे पुल्ले ते लड़ाइयाँ होइयां
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छाबियाँ दे घुण्ड मुड गये जगया
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तुर परदेस गयों वे बुआ वजया
 
-जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया,
 
-जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया,
 
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भैण दा सुहाग चुमके, मखाना,  
ते भैण दा सुहाग चुमके, मखाना,  
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क्यों तुर चले गयों बेडा चखना,
 
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मखाना, के क्यों तुर चले गयों बेडा चखना,
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जग्गा मारया बोड दी छां ते,  
 
जग्गा मारया बोड दी छां ते,  
 
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के नौ मण रेत भिज गयी,!सूरना,
के नौ मण रेत भिज गयी, सुरना !
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नईयां ने वड छड्या जग्गा सूरमा
 
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हाय माँ दा मार दित्तइ पुत्त सूरमा,
सुरना के माँ दा मार दित्ता इ  पुत्त सूरमा,
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-चली दुक्खां दी अन्हेरी ऐसी,  
 
-चली दुक्खां दी अन्हेरी ऐसी,  
 
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दीवे वाली लाट बुझ गयी चानना,
के दीवे वाली लाट बुझ गयी चानना!
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तेरे बिना मान कित्थे? नहिंयों जानना.
 
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चानना वे तेरे बिना मान कित्थे?  
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नहिंयों जानना.
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- वे तू दुक्ख पुत्तरां दा वेखें,
 
- वे तू दुक्ख पुत्तरां दा वेखें,
 
वे तूं गुक्ख पुत्तरां दा वेखें,
 
 
 
वे टूटे तेरा मान हाकमा,ढोल वे!  
 
वे टूटे तेरा मान हाकमा,ढोल वे!  
 
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गंगाजलच क्यों दित्तइ जहर घोल वे,
ढोल वे, गंगाजल विच क्यों दित्ता इ जहर घोल वे,
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-सानू शगणा दा कर दे लीरा,  
 
-सानू शगणा दा कर दे लीरा,  
 
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के छड़ेयां दा पुन्न टोड दे, हाल नी,
के छड़ेयां दा पुन्न टोड दे, हाल नी!
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होणी खेड गयी, चाल नेरे नाळ नी,  
 
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हाल नी, के होणी खेड गयी, चाल नेरे नाळ नी,  
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-बारी खोल के यारी दी लाज रख लै,
 
-बारी खोल के यारी दी लाज रख लै,
 
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मित्तरो!तेरे चन दी,नारे नी,
के बारी खोल के यारी दी लाज रख लै, मित्तरो!  
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देख तेनु सज्जन बुए ते वाजाँ मारे नी,  
 
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-लम्ब होकयां दे बल पये औंदे ,
  तेरे चन दी, नारे नी  
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के खदरान नू अग्ग लग गई,  
 
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हाय नी, के भौर उड़ गये  
नारे नी, देख तेनु सज्जन बुए ते वाजाँ मारे नी,  
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ते फुल  कुम्ल्हाने नी.--
 
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-लम्ब होकयां दे बल पये औंदे ,
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के खदरान नू अग्ग लग गई, हाय नी!
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हाय नी, के भौर उड़ गये ते फुल  कुम्ल्हाने नी.--
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02:25, 18 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,
के वडे हो काका डालदा जगया!
तुर परदेस गयों वे बुआ वजया
जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,
सारे पिंड गुड वण्डदी, जगया
तुर परदेस गयों वे बुआ वजया
जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा,
मैं इक थान्यीं दो जणदी, जगया!
टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वजया
जग्गे मारया लैयल पुर डाका
तारां खड़क गयीं आपे
तारीखान पुगातन गे तेरे मापे
कच्चे पुल्ले ते लड़ाइयाँ होइयां
छाबियाँ दे घुण्ड मुड गये जगया
तुर परदेस गयों वे बुआ वजया
-जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया,
भैण दा सुहाग चुमके, मखाना,
क्यों तुर चले गयों बेडा चखना,
जग्गा मारया बोड दी छां ते,
के नौ मण रेत भिज गयी,!सूरना,
नईयां ने वड छड्या जग्गा सूरमा
हाय माँ दा मार दित्तइ पुत्त सूरमा,
-चली दुक्खां दी अन्हेरी ऐसी,
दीवे वाली लाट बुझ गयी चानना,
तेरे बिना मान कित्थे? नहिंयों जानना.
- वे तू दुक्ख पुत्तरां दा वेखें,
वे टूटे तेरा मान हाकमा,ढोल वे!
गंगाजलच क्यों दित्तइ जहर घोल वे,
-सानू शगणा दा कर दे लीरा,
के छड़ेयां दा पुन्न टोड दे, हाल नी,
होणी खेड गयी, चाल नेरे नाळ नी,
-बारी खोल के यारी दी लाज रख लै,
मित्तरो!तेरे चन दी,नारे नी,
देख तेनु सज्जन बुए ते वाजाँ मारे नी,
-लम्ब होकयां दे बल पये औंदे ,
के खदरान नू अग्ग लग गई,
हाय नी, के भौर उड़ गये
ते फुल कुम्ल्हाने नी.--