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+ | गोरी दियां झांजरां बुलौन्दिया गैयाँ... | ||
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गलियां दे विच दंड पौन्दियाँ गैयाँ... | गलियां दे विच दंड पौन्दियाँ गैयाँ... | ||
गोरी दियां . | गोरी दियां . | ||
− | अथरी | + | अथरी जवानी गल्लां पयी दसदी , |
− | माह़ी | + | माह़ी गुस्से हो गया न गल वस दी , |
राह जांदे राहियाँ नू सुनौन्दिया गैयाँ . | राह जांदे राहियाँ नू सुनौन्दिया गैयाँ . | ||
गोरी दियां ............................................. ...! | गोरी दियां ............................................. ...! | ||
− | काले जे दुपट्टे ने की | + | काले जे दुपट्टे ने की पई नीर नी , |
घुण्ड विच नैन ओहदे लए घेर ने , | घुण्ड विच नैन ओहदे लए घेर ने , | ||
− | मित्रां दा दिल | + | मित्रां दा दिल तड़पौन्दिया गैयाँ . |
गोरी दियन ...................................! | गोरी दियन ...................................! | ||
सान्बे जाण नखरे न अंग अंग दे , | सान्बे जाण नखरे न अंग अंग दे , | ||
वीणी उठे नाच्दे बिलोरी रंद गे , | वीणी उठे नाच्दे बिलोरी रंद गे , | ||
− | अशिका दे लहू च नहौन्दिया | + | अशिका दे लहू च नहौन्दिया गैयाँ . |
गोरी दियां .........................................! | गोरी दियां .........................................! | ||
− | सांब के तू रख लै | + | सांब के तू रख लै निनाणे गोरिये, |
रूप दा सिंगार जालीदार डोरिये, | रूप दा सिंगार जालीदार डोरिये, | ||
− | नूरपुरी कोल | + | नूरपुरी कोल शरामौन्दियाँ गैयाँ . |
− | गोरी दियां | + | गोरी दियां झांजरां...........................! |
− | गलियां दे विच दंड पौन्दिया | + | गलियां दे विच दंड पौन्दिया गैयाँ . |
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01:45, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
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- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
गोरी दियां झांजरां बुलौन्दिया गैयाँ...
गोरी दियां ,
गलियां दे विच दंड पौन्दियाँ गैयाँ...
गोरी दियां .
अथरी जवानी गल्लां पयी दसदी ,
माह़ी गुस्से हो गया न गल वस दी ,
राह जांदे राहियाँ नू सुनौन्दिया गैयाँ .
गोरी दियां ............................................. ...!
काले जे दुपट्टे ने की पई नीर नी ,
घुण्ड विच नैन ओहदे लए घेर ने ,
मित्रां दा दिल तड़पौन्दिया गैयाँ .
गोरी दियन ...................................!
सान्बे जाण नखरे न अंग अंग दे ,
वीणी उठे नाच्दे बिलोरी रंद गे ,
अशिका दे लहू च नहौन्दिया गैयाँ .
गोरी दियां .........................................!
सांब के तू रख लै निनाणे गोरिये,
रूप दा सिंगार जालीदार डोरिये,
नूरपुरी कोल शरामौन्दियाँ गैयाँ .
गोरी दियां झांजरां...........................!
गलियां दे विच दंड पौन्दिया गैयाँ .