Changes

{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना
आदमी को भी मयस्सर<ref>आसान</ref> नहीं इंसां होना
गिरियां<poemref>बस कि दुश्वार रुदन</ref> चाहे है हर काम का आसां होनाख़राबी मेरे काशाने<ref>घर</ref> कीआदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां दर-ओ-दीवार से टपके है बयाबां<ref>रेगिस्तान</ref> होना
गिरियांवाए<ref>रोनाहाय</ref> चाहे है ख़राबी मेरे काशाने<ref>घर</ref> कीदर-ओ-दीवार से टपके है बयाबां होना वाए , दीवानगी-ए-शौक़ कि हरदम मुझको
आप जाना उधर और आप ही हैरां होना
जल्वा अज़-बस कि बसकि<ref>इस हद तक</ref> तक़ाज़ा<ref>दावा</ref>-ए-निगह करता हैजौहर-ए-आईना<ref>आईने का पानीदाग</ref> भी चाहे है मिज़गां<ref>पलकें</ref> होना
इशरते-क़त्लगहे-अहले-तमन्ना<ref>चाहने वालों का वध-स्थल का ऐशवर्य</ref> मत पूछ
ईद-ए-नज़्ज़ारा है शमशीर का उरियां<ref>म्यान से बाहर निकलना, नग्न</ref> होना
ले गये ख़ाक में हम दाग़-ए-तमन्ना-ए-निशात<ref>खुशी</ref>
तू हो और आप बसद-रंग<ref>सैंकड़ों रंगों में</ref> गुलिस्तां होना
इशरत-ए-पारा-ए-दिल<ref>दिल के टुकड़ों का मज़ा</ref> ज़ख़्म-ए-तमन्ना ख़ाना
लज़्ज़त-ए-रीशरेश-ए-जिग़र<ref>जिगर के घाव का मज़ा</ref> ग़र्क़-ए-नमकदां<ref>नमकदान मे डूबना</ref> होना
की मेरे क़त्ल के बाद उसने जफ़ा <ref>आंतक</ref> से तौबाहाय उस ज़ूद-पशेमां<ref>शीघ्र लज्जित होने वाला</ref> का पशेमां <ref>शर्मिंदा</ref> होना
हैफ़<ref>अफसोससंताप</ref> उस चार गिरह <ref>मात्रा</ref> कपड़े की क़िस्मत 'ग़ालिब'जिसकी क़िस्मत में हो आशिक़ का गिरेबां होना </poem>
{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Uploader
894
edits