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"अच्छे दिन / एकांत श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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− | + | और हम | |
− | और हम | + | बहेलिये के जाल से |
− | उनसे कभी न बिछुड़ने का | + | उन्हें सचेत करेंगे |
− | वादा | + | अच्छे दिन दोस्त हैं |
− | < | + | मिलेंगे |
+ | यात्रा के किसी मोड़ पर | ||
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+ | उनसे कभी न बिछुड़ने का | ||
+ | वादा करेंगे। | ||
+ | </poem> |
00:22, 27 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण
अच्छे दिन खरगोश हैं
लौटेंगे
हरी दूब पर
उछलते-कूदते
और हम
गोद में लेकर
उन्हें प्यार करेंगे
अच्छे दिन पक्षी हैं
उतरेंगे
हरे पेड़ों की
सबसे ऊँची फुनगियों पर
और हम
बहेलिये के जाल से
उन्हें सचेत करेंगे
अच्छे दिन दोस्त हैं
मिलेंगे
यात्रा के किसी मोड़ पर
और हम
उनसे कभी न बिछुड़ने का
वादा करेंगे।