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जाड़े की भोर / नन्दल हितैषी
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|रचनाकार=नन्दल हितैषी
|संग्रह=बेहतर आदमी के लिए / नन्दल हितैषी
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poem
Poem
>
गौरैय्ये के पंख पर सवार
धूप का एक चंचल टुकड़ा
अनिल जनविजय
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