(New page: रचनाकार: ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' Category:ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' [[Category:...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | रचनाकार | + | {{KKGlobal}} |
− | + | {{KKRachna | |
+ | |रचनाकार=ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' | ||
+ | }} | ||
[[Category:ग़ज़ल]] | [[Category:ग़ज़ल]] | ||
− | |||
− | |||
− | |||
न धरती पर न नभ में अब कहीं कोई हमारा है | न धरती पर न नभ में अब कहीं कोई हमारा है | ||
पंक्ति 25: | पंक्ति 24: | ||
वो पछुआ हो कि पुरवा, गर्म आँधी सी लगी हमको | वो पछुआ हो कि पुरवा, गर्म आँधी सी लगी हमको | ||
− | कभी शीतल | + | कभी शीतल हवाओं ने कहाँ हमको दुलारा है |
21:55, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
न धरती पर न नभ में अब कहीं कोई हमारा है
हमारी बेबसी ने आज फिर किसको पुकारा है
हमें तक़दीर तूने उम्र भर धोखे किये हरदम
वहीं पानी मिला गहरा, जहाँ समझे किनारा है
भुला बैठे थे हम तुमको, तुम्हारी बेवफ़ाई को
मगर महफ़िल में देखो आज फिर चर्चा तुम्हारा है
वो पछुआ हो कि पुरवा, गर्म आँधी सी लगी हमको
कभी शीतल हवाओं ने कहाँ हमको दुलारा है
बड़ा अहसान होगा ज़िंदगी इतना तो बतला दे
वो हममें क्या कमी है जो नहीं तुझको गवारा है
हमें जो चैन से जीने नहीं देती तेरी दुनिया
ये उसकी अपनी मर्जी है, कि फिर तेरा इशारा है
गिला, शिकवा, शिकायत हम करें भी तो करें किससे
हमें तो सिर्फ अपने हौसले का ही सहारा है