Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार=भवानीप्रसाद मिश्र | |
− | + | }} | |
− | + | ||
मुझे पंछी बनाना अब के<br> | मुझे पंछी बनाना अब के<br> | ||
या मछली<br> | या मछली<br> |
18:57, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
मुझे पंछी बनाना अब के
या मछली
या कली
और बनाना ही हो आदमी
तो किसी ऐसे ग्रह पर
जहाँ यहाँ से बेहतर आदमी हो
कमी और चाहे जिस तरह की हो
पारस्परिकता की न हो।