"अग्नि-वर्षा है तो है हाँ बर्फ़बारी है तो है (ग़ज़ल) / एहतराम इस्लाम" के अवतरणों में अंतर
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− | अग्नि वर्षा है तो है हाँ | + | अग्नि वर्षा है तो है हाँ बर्फ़बारी है तो है, |
− | मौसमों के दरमियाँ इक जंग जारी है तो है | + | मौसमों के दरमियाँ इक जंग जारी है तो है । |
जिंदगी का लम्हा लम्हा उसपे भारी है तो है, | जिंदगी का लम्हा लम्हा उसपे भारी है तो है, | ||
− | क्रांतिकारी व्यक्ति कुछ हो क्रांतिकारी है तो है | + | क्रांतिकारी व्यक्ति कुछ हो क्रांतिकारी है तो है । |
− | + | मूर्ति सोने की निरर्थक वस्तु है उसके लिए, | |
− | मोम की | + | मोम की गुड़िया अगर बच्चे को प्यारी है तो है । |
− | + | खूँ- पसीना एक करके हम सजाते हैं इसे, | |
− | हम | + | हम अगर कह दें कि यह दुनिया हमारी है तो है । |
रात कोठे पर बिताता है कि होटल में कोई, | रात कोठे पर बिताता है कि होटल में कोई, | ||
− | रोशनी में दिन कि मंदिर का पुजारी है तो है | + | रोशनी में दिन कि मंदिर का पुजारी है तो है । |
अपनी कोमल भावना के रक्त में डूबी हुई, | अपनी कोमल भावना के रक्त में डूबी हुई, | ||
− | मात्र श्रद्धा आज भी भारत की नारी है तो है | + | मात्र श्रद्धा आज भी भारत की नारी है तो है । |
− | हैं तो हैं दुनिया से | + | हैं तो हैं दुनिया से बेपरवा परिंदे शाख़ पर, |
− | घात में उनकी कहीं कोई शिकारी है तो है | + | घात में उनकी कहीं कोई शिकारी है तो है । |
− | आप छल बल के धनी हैं | + | आप छल-बल के धनी हैं जीतिएगा आप ही, |
− | आपसे बेहतर मेरी उम्मीदवारी है तो है | + | आपसे बेहतर मेरी उम्मीदवारी है तो है । |
− | देश के सम्पन्नता कितनी बढ़ी है, | + | देश के सम्पन्नता कितनी बढ़ी है, देखिए, |
− | + | सोचिए क्यों ? देश की जनता भिखारी है तो है । | |
दिल्लियों अमृतसरों की भीड़ में खोई हुई, | दिल्लियों अमृतसरों की भीड़ में खोई हुई, | ||
− | देश मे अपने कहीं कन्याकुमारी है तो है | + | देश मे अपने कहीं कन्याकुमारी है तो है । |
− | “एहतराम” अपने | + | “एहतराम” अपने ग़ज़ल-लेखन को कहता है कला, |
− | आप कहते हैं उसे जादूनिगारी | + | आप कहते हैं उसे जादूनिगारी, है तो है । |
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17:09, 29 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
अग्नि वर्षा है तो है हाँ बर्फ़बारी है तो है,
मौसमों के दरमियाँ इक जंग जारी है तो है ।
जिंदगी का लम्हा लम्हा उसपे भारी है तो है,
क्रांतिकारी व्यक्ति कुछ हो क्रांतिकारी है तो है ।
मूर्ति सोने की निरर्थक वस्तु है उसके लिए,
मोम की गुड़िया अगर बच्चे को प्यारी है तो है ।
खूँ- पसीना एक करके हम सजाते हैं इसे,
हम अगर कह दें कि यह दुनिया हमारी है तो है ।
रात कोठे पर बिताता है कि होटल में कोई,
रोशनी में दिन कि मंदिर का पुजारी है तो है ।
अपनी कोमल भावना के रक्त में डूबी हुई,
मात्र श्रद्धा आज भी भारत की नारी है तो है ।
हैं तो हैं दुनिया से बेपरवा परिंदे शाख़ पर,
घात में उनकी कहीं कोई शिकारी है तो है ।
आप छल-बल के धनी हैं जीतिएगा आप ही,
आपसे बेहतर मेरी उम्मीदवारी है तो है ।
देश के सम्पन्नता कितनी बढ़ी है, देखिए,
सोचिए क्यों ? देश की जनता भिखारी है तो है ।
दिल्लियों अमृतसरों की भीड़ में खोई हुई,
देश मे अपने कहीं कन्याकुमारी है तो है ।
“एहतराम” अपने ग़ज़ल-लेखन को कहता है कला,
आप कहते हैं उसे जादूनिगारी, है तो है ।