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"जो रहा अनकहा / नवनीत पाण्डे" के अवतरणों में अंतर

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मैंने कहा
 
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टुकुर-टुकुर देखता भर रहा बस
 
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04:42, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

जो रहा अनकहा
मैंने कहा
गोया कि
थम गई नदी
समंदर बहा
टुकुर-टुकुर देखता भर रहा बस
यह विलोम आसमान