"लालटेन / मनोज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
रोशनी बांटने के लिए | रोशनी बांटने के लिए | ||
− | मज़बूर नहीं किया जा सकता है | + | मज़बूर नहीं किया जा सकता है, |
लालटेन को चुनाव चिह्न बनाकर | लालटेन को चुनाव चिह्न बनाकर | ||
या, उसकी डमी में बल्ब जलाकर | या, उसकी डमी में बल्ब जलाकर | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
कब्रिस्तानी शहरों से | कब्रिस्तानी शहरों से | ||
गांव के जीवाश्म बरामदकर | गांव के जीवाश्म बरामदकर | ||
− | उसे फिर नहीं जिलाया जा सकता | + | उसे फिर नहीं जिलाया जा सकता, |
क्योंकि लालटेन युग ढल चुका है | क्योंकि लालटेन युग ढल चुका है | ||
लालटेन संस्कृति मर चुकी है | लालटेन संस्कृति मर चुकी है | ||
− | लालटेन-सम्बद्ध अस्मिता मृतप्राय है | + | लालटेन-सम्बद्ध अस्मिता मृतप्राय है, |
मुझे याद है वो सांझ | मुझे याद है वो सांझ | ||
− | जब दुआरों पर | + | जब दुआरों पर झूलते लालटेन |
मिचमिचाकर बतियाते थे | मिचमिचाकर बतियाते थे | ||
बिरादरी गैर-बिरादरी में | बिरादरी गैर-बिरादरी में | ||
− | तालमेल बैठाते थे | + | तालमेल बैठाते थे, |
पंचायतों में पंचों के बीच | पंचायतों में पंचों के बीच | ||
फैसलों को सुकर बनाते हुए | फैसलों को सुकर बनाते हुए | ||
− | सम्बंधों में | + | सम्बंधों में पड़ गए फफोलों पर |
पीड़ाहर अवलेह लगाते थे | पीड़ाहर अवलेह लगाते थे | ||
जब से वे छोड़ गए हैं देहात | जब से वे छोड़ गए हैं देहात | ||
− | सबंधों की उल्टी गंगा बहने | + | सबंधों की उल्टी गंगा बहने लगी है, |
उन पर शैतानी तहज़ीब | उन पर शैतानी तहज़ीब | ||
हावी होती जा रही है | हावी होती जा रही है | ||
कहां हैं उटंग कुरते पहने गदेले | कहां हैं उटंग कुरते पहने गदेले | ||
− | खेल-खिलवाड़ लालटेन की परिक्रमा करते | + | खेल-खिलवाड़ में लालटेन की परिक्रमा करते, |
जो बिलायाती सी एफ एल लाईट में सनकर | जो बिलायाती सी एफ एल लाईट में सनकर | ||
मुंह निपोरते जा रहे हैं | मुंह निपोरते जा रहे हैं | ||
पंक्ति 53: | पंक्ति 53: | ||
झक्क सफेद दिखाई देती थी | झक्क सफेद दिखाई देती थी | ||
− | मैं पाल सकता हूं ऐसा | + | मैं पाल सकता हूं ऐसा वहम |
क्योंकि मैं लालटेन युग के | क्योंकि मैं लालटेन युग के | ||
− | बाल्यमार्ग से गुजर चुका हूं | + | बाल्यमार्ग से गुजर चुका हूं, |
तत्समय किसी ऐसी ही | तत्समय किसी ऐसी ही | ||
मरी संस्कृति के गम में | मरी संस्कृति के गम में | ||
पंक्ति 69: | पंक्ति 69: | ||
जकड़कर खो जाती हैं | जकड़कर खो जाती हैं | ||
− | तरक्की के हाथों लालटेनों का गला | + | तरक्की के हाथों लालटेनों का गला घोटना |
मतलब यह कि | मतलब यह कि | ||
− | + | पुरखों की बरसी पर | |
व्हिस्की के साथ फ्राय फिश खाते हुए | व्हिस्की के साथ फ्राय फिश खाते हुए | ||
हाउँ-हाउँ भांगड़ा करना | हाउँ-हाउँ भांगड़ा करना | ||
पंक्ति 81: | पंक्ति 81: | ||
उफ्फ़! वह तो बेडरूम से बाजार तक गुम है | उफ्फ़! वह तो बेडरूम से बाजार तक गुम है | ||
− | सो, सम्बंधों की | + | सो, सम्बंधों की खिचड़ी भदभदा रही है |
− | लालटेन | + | लालटेन की लपलपाती रोशनी से |
− | यानी, कोई | + | यानी, कोई दढ़ियल बुज़ुर्ग |
− | अपनी तर्ज़नी उठाकर खिसियानी भौंहें तानकर | + | अपनी तर्ज़नी उठाकर, खिसियानी भौंहें तानकर |
− | + | घुड़कने-बरजने के लिए | |
हृदयंगम दुर्भावनाओं पर लगाम कसने के लिए | हृदयंगम दुर्भावनाओं पर लगाम कसने के लिए | ||
सामने बैठा है | सामने बैठा है | ||
पंक्ति 92: | पंक्ति 92: | ||
फिलवक्त, लालटेन के बगैर | फिलवक्त, लालटेन के बगैर | ||
हम अपने उस्ताद पुरखों से दूर हो गए हैं | हम अपने उस्ताद पुरखों से दूर हो गए हैं | ||
− | अनापशनाप युग में लिप्त हो गए हैं | + | अनापशनाप युग में लिप्त हो गए हैं. |
15:26, 20 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
लालटेन
रोशनी बांटने के लिए
मज़बूर नहीं किया जा सकता है,
लालटेन को चुनाव चिह्न बनाकर
या, उसकी डमी में बल्ब जलाकर
कब्रिस्तानी शहरों से
गांव के जीवाश्म बरामदकर
उसे फिर नहीं जिलाया जा सकता,
क्योंकि लालटेन युग ढल चुका है
लालटेन संस्कृति मर चुकी है
लालटेन-सम्बद्ध अस्मिता मृतप्राय है,
मुझे याद है वो सांझ
जब दुआरों पर झूलते लालटेन
मिचमिचाकर बतियाते थे
बिरादरी गैर-बिरादरी में
तालमेल बैठाते थे,
पंचायतों में पंचों के बीच
फैसलों को सुकर बनाते हुए
सम्बंधों में पड़ गए फफोलों पर
पीड़ाहर अवलेह लगाते थे
जब से वे छोड़ गए हैं देहात
सबंधों की उल्टी गंगा बहने लगी है,
उन पर शैतानी तहज़ीब
हावी होती जा रही है
कहां हैं उटंग कुरते पहने गदेले
खेल-खिलवाड़ में लालटेन की परिक्रमा करते,
जो बिलायाती सी एफ एल लाईट में सनकर
मुंह निपोरते जा रहे हैं
देसीपन से
वे आज भी वहाँ रोशनी में
पुते बैठे हैं
एक मनहूसियत के साथ
लालटेनों के इतिहास में लौटने के लिए
क्या वे बुज़ुर्गों की नज़रों से
लालटेनों को देख रहे हैं
जिससे लालटेनों का गम उन्हें भी सताने लगा है
या, उनके बिना ममता धुंधलाती जा रही है
जो लालटेन की रोशनी में
झक्क सफेद दिखाई देती थी
मैं पाल सकता हूं ऐसा वहम
क्योंकि मैं लालटेन युग के
बाल्यमार्ग से गुजर चुका हूं,
तत्समय किसी ऐसी ही
मरी संस्कृति के गम में
बित्ते-भर की टी-शर्ट और चुस्त बरमुडा पहनी लड़कियाँ
सुनी जाती हैं अपनी माम से पूछते हुए
'यार, लालटेन-लालटेन क्या होता है
क्योंकि तुम्हें देहात से भगाकर
महानगर में लाया गया था'
इस पर मायूस हुई मांओं की चुप्पी पर
लड़कियाँ पिच्च से मुंह बिचकाकर
ब्वायफ्रेंडों के नाजायज ख्यालों में
जकड़कर खो जाती हैं
तरक्की के हाथों लालटेनों का गला घोटना
मतलब यह कि
पुरखों की बरसी पर
व्हिस्की के साथ फ्राय फिश खाते हुए
हाउँ-हाउँ भांगड़ा करना
चौंधियाती रोशनी फांकते हुए
बीच सड़क चश्मेवाली जोड़ी
बाज आ जाती अपनी हरक़तों से
अगर सामने बुज़ुर्ग लालटेन होता
उफ्फ़! वह तो बेडरूम से बाजार तक गुम है
सो, सम्बंधों की खिचड़ी भदभदा रही है
लालटेन की लपलपाती रोशनी से
यानी, कोई दढ़ियल बुज़ुर्ग
अपनी तर्ज़नी उठाकर, खिसियानी भौंहें तानकर
घुड़कने-बरजने के लिए
हृदयंगम दुर्भावनाओं पर लगाम कसने के लिए
सामने बैठा है
फिलवक्त, लालटेन के बगैर
हम अपने उस्ताद पुरखों से दूर हो गए हैं
अनापशनाप युग में लिप्त हो गए हैं.