भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"इंटरनेट पर हिन्दी के प्रणेता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(यूनिकोड क्या है?)
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
यहाँ मैं एक सूची दे रहा हूँ जिसमें कुछ ऐसे व्यक्तियों के नाम और योगदान हैं जिन्होनें हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही हैं। कृपया ध्यान दें कि यह सूची पूरी नहीं है। मुझे विश्वास है कि मैं बहुत से महत्वपूर्ण नाम इस सूची में नहीं दे पा रहा हूँ -ऐसा केवल इस बारे में मेरी अज्ञानता के कारण है। मैं उन सभी व्यक्तियों को नमन करता हूँ जिन्होनें हिन्दी भाषा के विकास में कोई भी सकारात्मक भूमिका अदा की है।
 
यहाँ मैं एक सूची दे रहा हूँ जिसमें कुछ ऐसे व्यक्तियों के नाम और योगदान हैं जिन्होनें हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही हैं। कृपया ध्यान दें कि यह सूची पूरी नहीं है। मुझे विश्वास है कि मैं बहुत से महत्वपूर्ण नाम इस सूची में नहीं दे पा रहा हूँ -ऐसा केवल इस बारे में मेरी अज्ञानता के कारण है। मैं उन सभी व्यक्तियों को नमन करता हूँ जिन्होनें हिन्दी भाषा के विकास में कोई भी सकारात्मक भूमिका अदा की है।
  
* श्री '''विनय छजलानी''' ने 1993 में सुवि इंफ़ोर्मेशन सिस्टम नामक कम्पनी की स्थापना की जो की बाद में '''वेबदुनिया''' नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कम्पनी के काम की प्रशंसा माइक्रोसॉफ़्ट ने भी की और इनके साथ सहयोग करने की पेशकश की
+
{{KavitaKosh_HindiOnNet
* श्री '''वासु श्रीनिवास''' ने जनवरी 1998 में '''बरह''' नामक सॉफ़्टवेयर बनाया जिसकी मदद से हिन्दी सहित कई भारतीय भाषाओं मे लिखा जा सकता था
+
|photos=Vinay chhajlani.jpg;विनय छजलानी
* श्री '''अभिषेक चौधरी''' और डा. '''श्वेता चौधरी''' ने '''हिन्दवी''' नामक सिस्टम बनाया जिससे जिससे कि हिन्दी भाषा में बेसिक जैसा, सी भाषा जैसा डॉस स्तर पर प्रोग्रामिंग करना संभव है
+
|names=विनय छजलानी
* श्री '''हरिराम''' ने हिन्दी कोर कम्प्यूटिंग को आसान बनाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान किया। वे सीडैक से भी संबंधित रहे हैं
+
|creation=सुवि इंफ़ोर्मेशन सिस्टम (वेबदुनिया)
* श्री '''हेमंत कुमार''' ने '''तख्ती''' नामक बेहद लोकप्रिय और बेहद आसान फ़ोनेटिक यूनिकोड देवनागरी लेखन औजार बनाया जिसे विंडोज 98 के जमाने से अब तक प्रयोग में लिया जा रहा है
+
|date=
* श्री '''आलोक कुमार''' ने '''देवनागरी.नेट''' का निर्माण किया। आपने लिप्यांतरण औजार '''गिरगिट''' का बेहतर इंटरफ़ेस प्रस्तुत किया और लिनक्स गाइड के हिंदी अनुवादों को भी आरम्भ किया
+
|year=1993
* श्री '''कुलप्रीत सिंह''' ने '''शून्य.इन''' नामक हिंदी की तकनीकी समाचार साइट का निर्माण किया
+
|details='''विनय छजलानी''' ने 1993 में सुवि इंफ़ोर्मेशन सिस्टम नामक कम्पनी की स्थापना की जो की बाद में '''वेबदुनिया''' नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कम्पनी के काम की प्रशंसा माइक्रोसॉफ़्ट ने भी की और इनके साथ सहयोग करने की पेशकश की
* श्री '''विनय जैन''' ने यूनिकोड हिंदी में '''पहला ब्लॉग पोस्ट''' लिखा। श्री '''आलोक कुमार''' ने 9-2-11 नाम का '''पहला हिंदी ब्लॉग''' बनाया.
+
|links=http://www.webdunia.com
* श्री '''देबाशीष''' ने पहला लोकप्रिय ब्लॉग एग्रीगेटर '''चिट्ठाविश्व''' का निर्माण किया
+
}}
* श्री '''राघवन''' एवं '''सुरेखा''' जी ने एक '''आई.एम.ई''' बनाया। यह जावास्क्रिप्ट पर आधारित था और इसकी मदद से और भी कई औज़ार बने।
+
{{KavitaKosh_HindiOnNet
* श्री '''रमण कौल''' ने हिन्दी के इनस्क्रिप्ट तथा रेमिंगटन ऑनलाइन कीबोर्ड उपलब्ध कराए
+
|photos=Nopic.png;वासु श्रीनिवास
* श्री '''रवि रतलामी''' ने लिनिक्स का हिन्दी इंटरफ़ेस बनाया
+
|names=वासु श्रीनिवास
* श्री '''जीतेन्द्र चौधरी''' ने '''नारद''' नामक ब्लॉग एग्रीगेटर बनाया
+
|creation=बरह
* श्रीमति '''पूर्णिमा वर्मन''' जी ने बहुत लोकप्रिय '''अनुभूति''' और '''अभिव्यक्ति''' नामक हिन्दी साहित्यिक वेब-पत्रिकाओं का निर्माण और संचालन किया
+
|date=जनवरी 1998
* श्री '''मितुल पटेल''' ने '''हिन्दी विकिपीडिया''' को आगे बढ़ाने में महव्तपूर्ण भूमिका अदा की
+
|year=1998
* श्री '''शैलेष भारतवासी''' ने '''हिन्द युग्म''' प्रारम्भ किया और इंटरनेट पर हिन्दी लिखने के बारे में साक्षरता को बढ़ावा दिया
+
|details='''वासु श्रीनिवास''' ने '''बरह''' नामक सॉफ़्टवेयर बनाया जिसकी मदद से हिन्दी सहित कई भारतीय भाषाओं मे लिखा जा सकता था
* श्री '''ईस्वामी''' ने '''हग''' नामक औजार बनाया
+
|links=http://www.baraha.com
* हग की मदद से श्री '''हिमांशु सिंह''' ने '''हिन्दी-तूलिका''' औजार बनाया
+
}}
* श्री '''रजनीश मंगला''' ने हिन्दी फ़ॉन्ट्स परिवर्तन करने के लिये औजार बनाए
+
{{KavitaKosh_HindiOnNet
* श्री '''मैथिली गुप्त''' ने कम्प्यूटर और इंटरनेट पर हिन्दी के विकास के लिये कई महत्वपूर्ण काम किए
+
|photos=Nopic.png;अभिषेक चौधरी;Nopic.png;श्वेता चौधरी
 +
|names=अभिषेक चौधरी, श्वेता चौधरी
 +
|creation=हिन्दवी
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''अभिषेक चौधरी''' और डा. '''श्वेता चौधरी''' ने '''हिन्दवी''' नामक सिस्टम बनाया जिससे जिससे कि हिन्दी भाषा में बेसिक जैसा, सी भाषा जैसा डॉस स्तर पर प्रोग्रामिंग करना संभव है
 +
|links=http://www.hindawi.in
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;हरिराम
 +
|names=हरिराम
 +
|creation=हिन्दी कोर कम्प्यूटिंग
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''हरिराम''' ने हिन्दी कोर कम्प्यूटिंग को आसान बनाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान किया। वे सीडैक से भी संबंधित रहे हैं
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;हेमंत कुमार
 +
|names=हेमंत कुमार
 +
|creation=तख्ती
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''हेमंत कुमार''' ने '''तख्ती''' नामक बेहद लोकप्रिय और बेहद आसान फ़ोनेटिक यूनिकोड देवनागरी लेखन औजार बनाया जिसे विंडोज 98 के जमाने से अब तक प्रयोग में लिया जा रहा है
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;आलोक कुमार
 +
|names=आलोक कुमार
 +
|creation=देवनागरी.नेट, गिरगिट का बेहतर इंटरफ़ेस, हिन्दी का पहला ब्लॉग
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''आलोक कुमार''' ने '''देवनागरी.नेट''' का निर्माण किया। आपने लिप्यांतरण औजार '''गिरगिट''' का बेहतर इंटरफ़ेस प्रस्तुत किया और लिनक्स गाइड के हिंदी अनुवादों को भी आरम्भ किया। आपने 9-2-11 नाम से '''पहला हिंदी ब्लॉग''' भी बनाया।
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;कुलप्रीत सिंह
 +
|names=कुलप्रीत सिंह
 +
|creation=शून्य.इन
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''कुलप्रीत सिंह''' ने '''शून्य.इन''' नामक हिंदी की तकनीकी समाचार साइट का निर्माण किया
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;विनय जैन
 +
|names=विनय जैन
 +
|creation=यूनिकोड हिंदी में पहला ब्लॉग पोस्ट
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''विनय जैन''' ने यूनिकोड हिंदी में '''पहला ब्लॉग पोस्ट''' लिखा।
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;देबाशीष
 +
|names=देबाशीष
 +
|creation=चिट्ठाविश्व
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''देबाशीष''' ने पहला लोकप्रिय ब्लॉग एग्रीगेटर '''चिट्ठाविश्व''' का निर्माण किया
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;राघवन;Nopic.png;सुरेखा
 +
|names=राघवन, सुरेखा
 +
|creation=आई.एम.ई.
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''राघवन''' एवं '''सुरेखा''' जी ने एक '''आई.एम.ई''' बनाया। यह जावास्क्रिप्ट पर आधारित था और इसकी मदद से और भी कई औज़ार बने।
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;रमण कौल
 +
|creation=हिन्दी के इनस्क्रिप्ट तथा रेमिंगटन ऑनलाइन कीबोर्ड
 +
|names=रमण कौल
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''रमण कौल''' ने हिन्दी के इनस्क्रिप्ट तथा रेमिंगटन ऑनलाइन कीबोर्ड उपलब्ध कराए
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Raviratlami.jpg;रवि रतलामी
 +
|names=रवि रतलामी
 +
|creation=लिनिक्स का हिन्दी इंटरफ़ेस
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''रवि रतलामी''' ने लिनिक्स का हिन्दी इंटरफ़ेस बनाया
 +
|links=http://raviratlami.blogspot.com
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;पंकज नरूला
 +
|names=पंकज नरूला
 +
|creation=नारद
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details=नारद नामक ब्लॉग एग्रीगेटर सबसे पहले पंकज नरूला ने बनाया था, उसके संवर्धन का काम '''जीतेन्द्र चौधरी''', फ़्रंट एण्ड इम्प्रूवमेंट '''संजय और पंकज बैंगाणी''' ने किय। यह एग्रीगेटर अब बंद हो चुका है।
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Purnimavarman1.jpg;पूर्णिमा वर्मन
 +
|names=पूर्णिमा वर्मन
 +
|creation=अभिव्यक्ति, अनुभूति
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''पूर्णिमा वर्मन''' ने बहुत लोकप्रिय '''अनुभूति''' और '''अभिव्यक्ति''' नामक हिन्दी साहित्यिक वेब-पत्रिकाओं का निर्माण और संचालन किया
 +
|links=http://www.abhivyakti-hindi.org;http://www.anubhuti-hindi.org
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Mitul.jpg;मितुल पटेल
 +
|names=मितुल पटेल
 +
|creation=हिन्दी विकिपीडिया
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''मितुल पटेल''' ने हिन्दी विकिपीडिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जिसमें '''पूर्णिमा वर्मन''' तथा '''अनुनाद सिंह''' की सक्रिय साझेदारी रही
 +
|links=http://hi.wikipedia.com
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;शैलेष भारतवासी
 +
|names=शैलेष भारतवासी
 +
|creation=हिन्द युग्म
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''शैलेष भारतवासी''' ने '''हिन्द युग्म''' प्रारम्भ किया और इंटरनेट पर हिन्दी लिखने के बारे में साक्षरता को बढ़ावा दिया
 +
|links=http://www.hindyugm.com
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;ईस्वामी
 +
|names=ईस्वामी
 +
|creation=हग
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''हग''' एक हिन्दी यूनिकोड जनरेटर है। हग की मदद से श्री '''हिमांशु सिंह''' ने '''हिन्दी-तूलिका''' औजार बनाया
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;मैथिली गुप्त
 +
|names=मैथिली गुप्त
 +
|creation=कृतिदेव
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''मैथिली गुप्त''' ने कम्प्यूटर और इंटरनेट पर हिन्दी के विकास के लिये कई महत्वपूर्ण काम किए:
 
** आपने '''कृतिदेव''' नामक लोकप्रिय फ़ॉन्ट बनाया, जिसे अब माइक्रोसॉफ़्ट ने अपने तमाम विन्डोज़ सिस्टम्स में इंस्टाल किया हुआ है।  
 
** आपने '''कृतिदेव''' नामक लोकप्रिय फ़ॉन्ट बनाया, जिसे अब माइक्रोसॉफ़्ट ने अपने तमाम विन्डोज़ सिस्टम्स में इंस्टाल किया हुआ है।  
 
** १९९८ में आपने '''हिन्दी पैड''' बनाया जो रोमनाइज़्ड तरीके से हिन्दी टाइप करने के लिये पहला औज़ार था
 
** १९९८ में आपने '''हिन्दी पैड''' बनाया जो रोमनाइज़्ड तरीके से हिन्दी टाइप करने के लिये पहला औज़ार था
पंक्ति 32: पंक्ति 172:
 
** आपने '''इंडिनेटर''' नामक फ़ॉन्ट परिवर्तक का निर्माण किया
 
** आपने '''इंडिनेटर''' नामक फ़ॉन्ट परिवर्तक का निर्माण किया
 
** इसके बाद आपने '''इंडिनेटर स्क्रिप्ट कन्वर्टर''' नामक औज़ार बनाया जो हिन्दी लिपि को अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में बदल सकता है
 
** इसके बाद आपने '''इंडिनेटर स्क्रिप्ट कन्वर्टर''' नामक औज़ार बनाया जो हिन्दी लिपि को अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में बदल सकता है
 +
|links=
 +
}}
 +
{{KavitaKosh_HindiOnNet
 +
|photos=Nopic.png;रजनीश मंगला
 +
|names=रजनीश मंगला
 +
|creation=हिन्दी फ़ॉन्ट्स परिवर्तक
 +
|date=
 +
|year=
 +
|details='''रजनीश मंगला''' ने हिन्दी फ़ॉन्ट्स परिवर्तन करने के लिये औजार बनाए
 +
|links=
 +
}}
 +
  
 
ऊपर दिये गये लगभग सभी उदाहरणों की ख़ास बात यह है कि इनके सुविधाओं के रचयिताओं ने इन्हें प्रयोक्ताओं को मुफ़्त उपलब्ध कराया। यह एक प्रमुख कारण था कि इंटरनेट पर हिन्दी तेज़ी से आगे बढ़ सकी। इन लोगो को इंटरनेट पर हिन्दी के प्रणेता कहा जा सकता है।
 
ऊपर दिये गये लगभग सभी उदाहरणों की ख़ास बात यह है कि इनके सुविधाओं के रचयिताओं ने इन्हें प्रयोक्ताओं को मुफ़्त उपलब्ध कराया। यह एक प्रमुख कारण था कि इंटरनेट पर हिन्दी तेज़ी से आगे बढ़ सकी। इन लोगो को इंटरनेट पर हिन्दी के प्रणेता कहा जा सकता है।
 
==यूनिकोड क्या है?==
 
चलिये अब बात करते हैं यूनिकोड की। इंटरनेट पर हिन्दी के विकास को दो भागों में बांटा जा सकता है। पहला हिस्सा वह जबकि ग़ैर-यूनिकोड फ़ॉन्ट्स का प्रयोग करते हुए हिन्दी टाइप की जाती थी। सुशा, कृतिदेव और इनके अलावा उस समय के अन्य सभी फ़ॉन्ट्स गैर-यूनिकृत थे यानी ये फ़ॉन्ट्स यूनिकोड पर आधारित नहीं थे। इन फ़ॉन्ट्स में लिखी गई सामग्री केवल उन्हीं कम्प्यूटरों पर पढ़ी जा सकती है जिन पर इस्तेमाल किया गया फ़ॉन्ट मौजूद हो। यह एक बड़ी दिक्कत थी लेकिन यह परेशानी तब दूर हो गई जब हिन्दी का यूनिकोड निर्धारित हो गया। हिन्दी को यूनिकोड दिलाने की सख़्त आवश्यकता को पूरा करने की शुरुआत श्री आलोक कुमार ने देवनागरी.नेट वेबसाइट के ज़रिये की थी। हिन्दी भाषा के लिये यूनिकोड का निर्धारण हो जाने को शायद इंटरनेट पर हिन्दी के विकास में सबसे बड़ी क्रांति कहा जा सकता है। इसके बाद तो जैसे इंटरनेट पर हिन्दी वेबसाइट्स की जैसे बाढ़-सी आ गई। जो सबसे वैबसाइट सबसे अधिक बनी वे ब्लॉग्स थीं। कुछ ही वर्षों में ब्लॉग वेबसाइट्स की संख्या कई हज़ार के ऊपर निकल गई।
 
 
कम्प्यूटर अक्षरों को नहीं समझता -वह केवल उन अक्षरों के लिये निर्धारित कोड को समझता है। जब आप कम्प्यूटर पर अंग्रेज़ी में A टाइप करते हैं तो वास्तव में कम्यूटर की नज़र में आपने ASCII code 65 टाइप किया है। ASCII इसी तरह हर अंग्रेज़ी अक्षर, अंक और चिन्ह के लिये निर्धारित कोड्स का एक मानक है। यह मानक 128 अक्षरों, अंको और चिन्हों को अलग-अलग कोड दे सकने में सक्षम है। इसलिये यह अंग्रेज़ी में प्रयोग होने वाले अक्षरों, अंको और चिन्हों के लिये तो काफ़ी है लेकिन दुनिया की हज़ारों भाषाओं में प्रयोग होने वाले लाखों अक्षरों, अंको और चिन्हों को अलग-अलग कोड दे सकने के लिये यह मानक काफ़ी नहीं है। यूनिकोड एक नई प्रणाली है जिसके ज़रिये दुनिया की सभी भाषाओं के सभी अक्षरों, अंको और चिन्हों में से हरेक को अलग-अलग कोड दिया जा सकता है। जब तक किसी अक्षर को कोई मानक चिन्ह नहीं मिलता तब तक कम्प्यूटर उस अक्षर के साथ काम नहीं कर पाता। हिन्दी को जब से अपने हरेक अक्षर, अंक और चिन्ह के लिये यूनिकोड के कोड्स मिले हैं तब से कम्प्यूटर के लिए लिखे जाने वाले सॉफ़्ट्वेयर ने हिन्दी को मानक रूप में पहचानना और दिखाना आरम्भ कर दिया है।
 

17:04, 8 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण

यह लेख ललित कुमार द्वारा शोधित और कॉपीराइट किया गया है। इसका प्रयोग करते हुए आपको लेखक का नाम और इस पन्ने का लिंक देना चाहिये। यह पन्ना इस सूचना को प्रमाणिकृत और सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास है और इसमें लगातार बदलाव होते रहेंगे। ऐसे में इस पन्ने का लिंक देने से पाठक नवीनतम जानकारी तक पँहुच सकेंगे। इस लेख में यदि आप कोई त्रुटि पाते हैं या कोई नई सूचना जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिये मुझे india.lalit@gmail.com पर ईमेल करें।
इंटरनेट पर हिन्दी के प्रणेता
द्वारा: ललित कुमार
संस्थापक, कविता कोश

यहाँ मैं एक सूची दे रहा हूँ जिसमें कुछ ऐसे व्यक्तियों के नाम और योगदान हैं जिन्होनें हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही हैं। कृपया ध्यान दें कि यह सूची पूरी नहीं है। मुझे विश्वास है कि मैं बहुत से महत्वपूर्ण नाम इस सूची में नहीं दे पा रहा हूँ -ऐसा केवल इस बारे में मेरी अज्ञानता के कारण है। मैं उन सभी व्यक्तियों को नमन करता हूँ जिन्होनें हिन्दी भाषा के विकास में कोई भी सकारात्मक भूमिका अदा की है।

विनय छजलानी
Vinay chhajlani.jpg
विनय छजलानी

विनय छजलानी ने 1993 में सुवि इंफ़ोर्मेशन सिस्टम नामक कम्पनी की स्थापना की जो की बाद में वेबदुनिया नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कम्पनी के काम की प्रशंसा माइक्रोसॉफ़्ट ने भी की और इनके साथ सहयोग करने की पेशकश की

http://www.webdunia.com

वासु श्रीनिवास
Nopic.png
वासु श्रीनिवास

वासु श्रीनिवास ने बरह नामक सॉफ़्टवेयर बनाया जिसकी मदद से हिन्दी सहित कई भारतीय भाषाओं मे लिखा जा सकता था

http://www.baraha.com

अभिषेक चौधरी, श्वेता चौधरी
Nopic.png
अभिषेक चौधरी
Nopic.png
श्वेता चौधरी

अभिषेक चौधरी और डा. श्वेता चौधरी ने हिन्दवी नामक सिस्टम बनाया जिससे जिससे कि हिन्दी भाषा में बेसिक जैसा, सी भाषा जैसा डॉस स्तर पर प्रोग्रामिंग करना संभव है

http://www.hindawi.in

हरिराम
Nopic.png
हरिराम

हरिराम ने हिन्दी कोर कम्प्यूटिंग को आसान बनाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान किया। वे सीडैक से भी संबंधित रहे हैं


हेमंत कुमार
Nopic.png
हेमंत कुमार

हेमंत कुमार ने तख्ती नामक बेहद लोकप्रिय और बेहद आसान फ़ोनेटिक यूनिकोड देवनागरी लेखन औजार बनाया जिसे विंडोज 98 के जमाने से अब तक प्रयोग में लिया जा रहा है


आलोक कुमार
Nopic.png
आलोक कुमार

आलोक कुमार ने देवनागरी.नेट का निर्माण किया। आपने लिप्यांतरण औजार गिरगिट का बेहतर इंटरफ़ेस प्रस्तुत किया और लिनक्स गाइड के हिंदी अनुवादों को भी आरम्भ किया। आपने 9-2-11 नाम से पहला हिंदी ब्लॉग भी बनाया।


कुलप्रीत सिंह
Nopic.png
कुलप्रीत सिंह

कुलप्रीत सिंह ने शून्य.इन नामक हिंदी की तकनीकी समाचार साइट का निर्माण किया


विनय जैन
Nopic.png
विनय जैन

विनय जैन ने यूनिकोड हिंदी में पहला ब्लॉग पोस्ट लिखा।


देबाशीष
Nopic.png
देबाशीष

देबाशीष ने पहला लोकप्रिय ब्लॉग एग्रीगेटर चिट्ठाविश्व का निर्माण किया


राघवन, सुरेखा
Nopic.png
राघवन
Nopic.png
सुरेखा

राघवन एवं सुरेखा जी ने एक आई.एम.ई बनाया। यह जावास्क्रिप्ट पर आधारित था और इसकी मदद से और भी कई औज़ार बने।


रमण कौल
Nopic.png
रमण कौल

रमण कौल ने हिन्दी के इनस्क्रिप्ट तथा रेमिंगटन ऑनलाइन कीबोर्ड उपलब्ध कराए


रवि रतलामी
Raviratlami.jpg
रवि रतलामी

रवि रतलामी ने लिनिक्स का हिन्दी इंटरफ़ेस बनाया

http://raviratlami.blogspot.com

पंकज नरूला
Nopic.png
पंकज नरूला

नारद नामक ब्लॉग एग्रीगेटर सबसे पहले पंकज नरूला ने बनाया था, उसके संवर्धन का काम जीतेन्द्र चौधरी, फ़्रंट एण्ड इम्प्रूवमेंट संजय और पंकज बैंगाणी ने किय। यह एग्रीगेटर अब बंद हो चुका है।


पूर्णिमा वर्मन
Purnimavarman1.jpg
पूर्णिमा वर्मन

पूर्णिमा वर्मन ने बहुत लोकप्रिय अनुभूति और अभिव्यक्ति नामक हिन्दी साहित्यिक वेब-पत्रिकाओं का निर्माण और संचालन किया

http://www.abhivyakti-hindi.orghttp://www.anubhuti-hindi.org

मितुल पटेल
Mitul.jpg
मितुल पटेल

मितुल पटेल ने हिन्दी विकिपीडिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जिसमें पूर्णिमा वर्मन तथा अनुनाद सिंह की सक्रिय साझेदारी रही

http://hi.wikipedia.com

शैलेष भारतवासी
Nopic.png
शैलेष भारतवासी

शैलेष भारतवासी ने हिन्द युग्म प्रारम्भ किया और इंटरनेट पर हिन्दी लिखने के बारे में साक्षरता को बढ़ावा दिया

http://www.hindyugm.com

ईस्वामी
Nopic.png
ईस्वामी

हग एक हिन्दी यूनिकोड जनरेटर है। हग की मदद से श्री हिमांशु सिंह ने हिन्दी-तूलिका औजार बनाया


मैथिली गुप्त
Nopic.png
मैथिली गुप्त

मैथिली गुप्त ने कम्प्यूटर और इंटरनेट पर हिन्दी के विकास के लिये कई महत्वपूर्ण काम किए:

    • आपने कृतिदेव नामक लोकप्रिय फ़ॉन्ट बनाया, जिसे अब माइक्रोसॉफ़्ट ने अपने तमाम विन्डोज़ सिस्टम्स में इंस्टाल किया हुआ है।
    • १९९८ में आपने हिन्दी पैड बनाया जो रोमनाइज़्ड तरीके से हिन्दी टाइप करने के लिये पहला औज़ार था
    • ब्लॉगवानी नामक ब्लॉग एग्रीगेटर वेबसाइट को भी मैथिली जी ने डिज़ाइन किया
    • आपने कैफ़ेहिन्दी नामक औज़ार का निर्माण किया जिससे लोग यूनिकोड हिन्दी को रोमनाइज़्ड तरीके के अलावा सुशा और कृतिदेव फ़ॉन्ट्स के तरीके से टाइप कर सकते हैं
    • आपने इंडिनेटर नामक फ़ॉन्ट परिवर्तक का निर्माण किया
    • इसके बाद आपने इंडिनेटर स्क्रिप्ट कन्वर्टर नामक औज़ार बनाया जो हिन्दी लिपि को अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में बदल सकता है


रजनीश मंगला
Nopic.png
रजनीश मंगला

रजनीश मंगला ने हिन्दी फ़ॉन्ट्स परिवर्तन करने के लिये औजार बनाए



ऊपर दिये गये लगभग सभी उदाहरणों की ख़ास बात यह है कि इनके सुविधाओं के रचयिताओं ने इन्हें प्रयोक्ताओं को मुफ़्त उपलब्ध कराया। यह एक प्रमुख कारण था कि इंटरनेट पर हिन्दी तेज़ी से आगे बढ़ सकी। इन लोगो को इंटरनेट पर हिन्दी के प्रणेता कहा जा सकता है।