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"बाघिन / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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पगलाई है, जाने, अगले क्षण क्या सोचे! | पगलाई है, जाने, अगले क्षण क्या सोचे! | ||
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इस बाघिन को रखेंगे हम चिड़ियाघर में | इस बाघिन को रखेंगे हम चिड़ियाघर में | ||
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11:55, 18 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
लम्बी जिह्वा, मदमाते दृग झपक रहे हैं
बूँद लहू के उन जबड़ों से टपक रहे हैं
चबा चुकी है ताजे शिशुमुंडों को गिन-गिन
गुर्राती है, टीले पर बैठी है बाघिन
पकड़ो, पकड़ो, अपना ही मुँह आप न नोचे!
पगलाई है, जाने, अगले क्षण क्या सोचे!
इस बाघिन को रखेंगे हम चिड़ियाघर में
ऐसा जन्तु मिलेगा भी क्या त्रिभुवन भर में!
(१९७४)